इंडियन फ्लावर्स की डिमांड
फ्लोरीकल्चर में ग्रोथ का सबसे बड़ा कारण है इंडियन फ्लावर्स की अमरीका, यूके, नीदरलैंड, जर्मनी और सऊदी अरब में डिमांड बढ़ रही है। पिछले वर्ष पुणे में आयोजित 13वें इंटरनेशनल फ्लोरा एक्सपो में 100 से अधिक देशों के विजिटर सम्मलित हुए। एक्सपो में इंडिया के फूल उत्पादक बेहतरीन प्रोडेक्ट के साथ आए। बीते दो वर्ष में इंडियन फ्लोरीकल्चर सेक्टर में अनऑर्गनाइज रूप से एंटरप्रेन्योर की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
सेक्टर सलेक्शन में सावधानी
फ्लावर और ओरनामेंटस प्लांट के सेक्टर में स्टार्टअप की शुरुआत करने से पूर्व इसके बारे में रिसर्च करने की आवश्यकता है क्योंकि कल्टीवेशन के सेक्टर में अधिक इंवेस्टमेंट की जरुरत होती है। जबकि इसके रिटेल सेक्टर में जाने से पूर्व एक एंटरप्रेन्योर को ट्रेंडिंग फ्लावर और उसके मार्केट में जानकारी होना जरूरी है। इसके अलावा रिलायंस जैसे बड़े समूह भी इस सेक्टर में निवेश को लेकर रुचि दिखा रहे हैं। इसलिए एस्पायरिंग एंटरप्रेन्योर एक बेहतर प्लान के साथ ऐसे निवेशकों के पास जा सकते हैं। फ्लावर कल्टीवेशन से जुड़े लोगों का कहना है कि इंडियन सीड वाले रेड फ्लावर की डिमांड तेजी से बढ़ी है।
ऑनलाइन रिटेलर्स की है कमी
इंडियन फ्लावर इंडस्ट्री ने इस वर्ष वैलेंटाइन डे ने इस वर्ष बीते वैलेंटाइन के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक कारोबार किया है। जबकि एक्सपर्ट का मानना है कि यदि इस सेक्टर में ऑनलाइन रिटेलर्स की संख्या में इजाफा हो तो यह सेक्टर और अधिक तेजी से ग्रो करेगा। वहीं कॉम्पीटीशिन बढऩे से जो फ्लावर बंच वर्तमान में 250-350 रुपए के बीच ऑफलाइन मिल रहा है इसकी कीमत में काफी कमी आएगी। इससे कस्टमर की संख्या में तेजी से इजाफा होगा। वहीं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से होम डिलीवरी की सर्विस मिलने और ऑफर की सुविधा भी कस्टमर बेस बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है।
मिल रही है भरपूर इंवेस्टर अटेंशन
फ्लो रीकल्चर मार्केट की फ्यूचर ग्रोथ पर इसलिए भी अधिक बात की जा रही है कि गवर्नमेंट भी इस सेक्टर को लेकर पॉजिटिव रुख दिखा रही है। इस कारण आईटीसी, थापर ग्रुप, टाटा ग्रुप जैस बिग कॉर्पोरेट के ऐसे स्टार्टअप में इंवेस्टमेंट को लेकर बात की जा रही है। वहीं एफडीआई के जरिए इस सेक्टर में 100 प्रतिशत निवेश की छूट भी विदेशी निवेशकों को इंडियन फ्लोरीकल्चर की ओर तेजी से आकर्षित कर रही है।