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यह दो साल का प्रोग्राम है, जो राजस्थान यूनिवर्सिटी सहित कई प्राइवेट कॉलेजों से किया जा सकता है। बीपीएड के स्टूडेंट्स कई गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स की ओपन वैकेंसी के लिए एलिजिबल होते हैं। जहां बिना एग्जाम के मेरिट बेस पर नौकरी लग सकती है। वहीं बीपीएड के बाद स्टूडेंट्स प्राइवेट स्कूल और कॉलेजों में फिजिकल टीचर भी बन सकते हैं। जहां स्कूल-कॉलेजों टीचिंग के लिए बीएड और नेट जरूरी होता है, वहीं बीपीएड करके ही फिजिकल टीचर बना जा सकता है। इस प्रोफेशन से देश के लिए बेहतर स्पोट्र्स मैन तैयार कर सकते हैं।
बीपीएड के बाद 2 साल में एमपीएड
बीपीएड कम्पलीट कर चुके स्टूडेंट्स मास्टर इन फिजिकल एजुकेशन (एमपीएड) के लिए एलिजिबल होते हैं। ये मास्टर प्रोग्राम भी दो साल का होता है। एमपीएड पूरी कर चुके कैंडिडेटस बीपीएड स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए एलिजिबल होते हैं। बीपीएड के मुकाबले एमपीएड के स्टूडेंट्स ज्यादा प्रिवलेज्ड होते हैं। साथ ही कई वैकेंसीज के लिए सीधे तौर पर एलिजिबल रहते हैं।
12वीं के बाद 3/4 ईयर का कोर्स है बीपीई
कुछ यूनिवर्सिटीज 12वीं क्लास के बाद बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन (बीपीई) कोर्स भी करवाती है। इसके लिए मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं में 45 परसेंट माक्र्स कम्पलसरी होते हैं। चार साल के इस कोर्स के बाद स्टूडेंट्स फिजिकल एजुकेशन में ग्रेजुएट हो जाता है। वहीं कुछ यूनिवर्सिटीज बीपीई कोर्स 3 साल का भी करवाती है। कई इंस्टीट्यूशंस एक और दो साल का डिप्लोमा कोर्स भी करवाते हैं।
स्पोट्र्स एकेडमी का भी है स्कोप
आजकल मेट्रा सिटीज सहित छोटे शहरों में अकेडमी का ट्रेंड चल रहा है। बीपीएड और एमपीएड कम्पलीट कर चुके कैंडिडेंट्स अपनी खुद की एकेडमी भी खोल सकते हैं। इन दिनों क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबॉल, टेनिस सहित कई गेम्स की अकेडमी बड़ी संख्या में खुल रही है। स्कूल और कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स के साथ कई प्रोफेशनल्स भी फिटनेस बनाए रखने के लिए अकेडमी जॉइन कर रहे हैं। ऐसे में अकेडमी शुरू करना भी फायदे का सौदा बन सकता है।