निचलौल ब्लॉक के विभिन्न ग्राम पंचायतों में पीएम/ सीएम आवास योजना में इन 11 लाभार्थियों का चयन हुआ था। आवास के लिए कुल एक लाख 20 हजार रुपए मिलते हैं। इन सभी लाभार्थियों के बैंक खाता में पहली किस्त के रूप में 40- 40 हजार रुपया भेजा गया था। किस्त की रकम को निकासी कर ये लाभार्थी अपना घर छोड़कर चले गए। मामला मीडिया में आने के बाद ब्लॉक से लेकर जिले तक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
फरार लाभार्थियों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, परियोजना निदेशक(पीडी) रामदरश चौधरी ने बताया कि 11 लाभार्थी आवास की पहली किस्त मिलने के बाद घर से गायब हैं। इनमें से एक महिला लाभार्थी पूर्व पति के खोजने पर घर आ गई है। वह अपना आवास बनवाने की तैयारी कर रही है। शेष 10 लाभार्थियों के खिलाफ संबंधित थाना में तहरीर देकर लाभार्थी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। धन की रिकवरी भी कराई जाएगी। सचिवों की बड़ी लापरवाही उभर कर आई सामने
11 लाभार्थियों में से एक का आवास सात साल पहले मंजीर हो गया था और दो लोगों का आवास छह साल पहले मंजूर हुआ था। इतने लंबे अंतराल तक सरकारी रकम की निकासी के बाद भी आवास का निर्माण नहीं शुरू होने में सेक्रेटरी की भी लापरवाही उजागर हुई है। सेक्रेटरी द्वारा लाभार्थी पर दबाव बनाकर आवास निर्माण नहीं कराया जाना भी सवालों के घेरे में है।