CG Ration Card: अब तक 9 प्रतिशत सदस्यों की ई-केवायसी बाकी
CG Ration Card: बताया जाता है कि बायोमेट्रिक सत्यापन में बड़े-बुजुर्गों के अंगूठे व उंगलियों के निशान नहीं मिल रहे। इस कारण लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। पहले 15 अक्टूबर तक लक्ष्य पूरा करना था। लेकिन अब तक 9 प्रतिशत सदस्यों की ई-केवायसी बाकी है। खाद्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 2023 के जून माह से ई-केवायसी की प्रक्रिया चल रही है। निर्धारित समय पर लक्ष्य पूरा नहीं होने से कई बार अवसर दिया गया। फिर भी हितग्राहियों ने रुचि नहीं दिखाई। खाद्य विभाग से मिले आंकड़ों पर गौर करें तो नगरीय निकाय क्षेत्रों में सबसे कम ई-केवायसी हुई है। सबसे कम ई-केवायसी सरायपाली 75.8 फीसदी हुई है। महासमुंद में 82.41, बागबाहरा 82.99, बसना 78.76, तुमगांव 92.37 और पिथौरा में 81.94 फीसदी ई-केवायसी हो पाई है।
6 निकाय क्षेत्रों में 1 लाख 16 हजार 577 सदस्यों की ई-केवायसी होनी थी। 95 हजार 233 की ई-केवायसी हुई है और 21 हजार 344 का बाकी है। जबकि, ई-केवायसी के लिए दिन के हिसाब से लक्ष्य पूरा करना है। जिले में 593 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं। इन दुकानों में ई-पॉश मशीन के माध्यम से ई-केवायसी की जा रही है।
इसके अलावा अक्टूबर महीने में डोर-टू-डोर दस्तक देकर लोगों को ई-केवायसी कराने के लिए अपील की गई। इसी तरह जिले में 12 हजार से अधिक राशनकार्डों का नवीनीकरण नहीं हो पाया है। नवीनीकरण के लिए कई बार तिथि बढ़ाई गई। फिर भी हितग्राही नया राशनकार्ड के लिए आवेदन नहीं किए। खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि ई-केवायसी की प्रक्रिया चल रही है। शेष लक्ष्य को हासिल करने पर जोर दिया जा रहा है।
महासमुंद में सबसे ज्यादा
जिले के पांचों विकासखंड में सबसे ज्यादा ई-केवायसी महासमुंद में हुई है। महासमुंद विकासखंड में 93.3, पिथौरा 91.81, बागबाहरा 92.31, सरायपाली 90.54 और बसना में 88.92 प्रतिशत हुई है। 10 लाख 21 हजार 920 सदस्यों में 9 लाख 34 हजार 680 की ई-केवायसी हुई है। अभी भी 87 हजार 240 लोगों की ई-केवायसी करना बाकी है।
सत्यापन में परेशानी, अटकी ई-केवायसी
जिले के विकासखंडों में ई-केवायसी के लिए शिविर का आयोजन किया गया। फिर भी हितग्राहियों ने दिलचस्पी नहीं ली। खाद्य विभाग ने भी उचित मूल्य की दुकानों में ई-केवायसी की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए निर्देश जारी किया था। बताया जाता है कि कई बुजुर्ग व बच्चों का बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हो पा रहा है। इस कारण भी ई-केवायसी की प्रक्रिया अटकी हुई है।