बढ़ेंगे प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार सिद्धांत रूप से तीनों स्तर के पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि के साथ प्रशासनिक व वित्तीय अधिकारों में वृद्धि पर सहमति बन गई है। यह वृद्धि सपा शासनकाल में की गई वृद्धि से अनुपात रूप से अधिक रहने का अनुमान है। योगी सरकार के कार्यकाल में ग्राम पंचायतों क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों के चुनाव में बड़ी संख्या में नए प्रतिनिधि चुनकर आए हैं। पिछले लंबे समय से ये प्रतिनिधि मानदेय अधिकारों में वृद्धि की मांग कर रहे थे। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिला पंचायत अध्यक्षों का सम्मेलन की बात सुनी थी वहीं ग्राम प्रधानों के संगठन से मुख्यमंत्री से लेकर अपर मुख्य सचिव पंचायती राज तक की कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
अब मिलेगा इतना मानदेय सरकार के फैसले के बाद ग्राम प्रधानों को ₹5000 रुपये, ब्लाक प्रमुखों ₹15000 रुपये, जिला पंचायत अध्यक्ष को ₹20000 मानदेय मिलेगा। अभी तक प्रधानों को 3500 रुपये, ब्लॉक प्रमुख को ₹9800 रुपये, जिला पंचायत अध्यक्ष को ₹14000 मानदेय के तौर पर मिलता है। बढ़े हुए मानदेय को लेकर अंतिम निर्णय कैबिनेट करेगी। बताते चलें उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधानों की संख्या 58189, ब्लॉक प्रमुखों की संख्या 826 व जिला पंचायत अध्यक्ष संख्या 75 है।
होंगे ये भी फैसले आदित्यनाथ की सरकार पंचायत प्रतिनिधियों के लिए मानदेय के साथ-साथ और भी कई निर्णय ले सकती है। वर्तमान में नियम है कि पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ एख वर्ष बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। 50 फ़ीसदी सदस्य के बहुमत को हटाया जा सकता है। अविश्वास प्रस्ताव के लिए 2 वर्ष या दो तिहाई बहुमत किया जा सकता है। योगी सरकार आकस्मिक व्यय व यात्रा खर्च की सीमा भी बढ़ा सकती है। सरकार प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति की सीमा को भी बढ़ाने की योजना तैयार कर रही है। पंचायत प्रतिनिधियों की मदद के लिए कोष का गठन करने की भी तैयारी है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार चौधरी भूपेंद्र सिंह पंचायत राज्य मंत्री का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि व प्रशासनिक विधि अधिकारियों में बढ़ोतरी से संबंधित प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री विचार कर रहे हैं। उचित समय पर इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।