उस बोर्ड पर स्टेशन के नाम के ठीक नीचे उस जगह की समुद्र तल से ऊंचाई की जानकारी दी गई होती है। ऐसे में क्या आपने कभी यह सोचा है कि हर रेलवे स्टेशन पर लगे इस पीले बोर्ड पर समुद्र तल से इस जगह की ऊंचाई क्यों लिखी गई होती है? अगर आपके मन में इस तरह के सवाल आए हो और आपको इसका जवाब न मिल पाया हो तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि स्टेशन बोर्ड पर यह जानकारी क्यों दी गई होती है।
समुद्र तल से जमीन की ऊंचाई को MSL यानि mean sea level कहा जाता है। पूरी दुनिया में समुद्र का लेवल एक समान होता है और ऊंचाई को मापने के लिए यह एक सही और सटीक तरीका होता है। यही वजह है की altitude यानि ऊंचाई को मापने के लिए समुद्र तल को आधार माना जाता है।
आपको बता दें कि शुरू में जब रेल लाइन बिछाया जाता है तब उस जगह की समुद्र तल से ऊंचाई की जरूरत पड़ती है। इस जानकारी का प्रयोग इस बाढ़ और हाई टाइड की संभावना को कम करने के लिए किया जाता है। समुद्र से ऊंचाई की जानकारी की मदद से रेलवे स्टेशन के आसपास निर्माण को व्यवस्थित किया जाता है ताकि भविष्य में किसी तरह की कोई समस्या न हो। एक और खासियत है इस नंबर की यह नंबर लोको पायलट को दो स्टेशन के बीच की ऊंचाई और गहराई का अंदाजा देती है और इसकी मदद से लोको पायलट ट्रेन की स्पीड को मैनेज करता है। हालांकि अब समय आधुनिक हो गया है और ऐसे तकनीक आ गए हैं जिसकी मदद से मौसम, ट्राफिक और समय के अनुसार ट्रेन की स्पीड पहले ही तय कर दी जाती है। और यही कारण है कि नए बने रेलवे स्टेशन पर पीले बोर्ड पर यह जानकारी नहीं लिखी गई होती है।