मौसम की वजह से महंगे हुए सब्जियां
सब्जियों की कीमतों में इस उछाल का प्रमुख कारण लगातार हुई बारिश बताई जा रही है। आढ़तियों के अनुसार अधिक बारिश के चलते सब्जियों की बुवाई सही समय पर नहीं हो पाई। जहां किसान टमाटर, बैंगन, फूलगोभी और मिर्च की बुवाई कर रहे थे, वहां भारी बारिश के कारण पौधे सड़ गए। इसका परिणाम यह हुआ कि बाजार में ताजे सब्जियों की आपूर्ति घट गई, जिससे कीमतों में इजाफा हो गया है।
आलू की कीमत स्थिर, लेकिन अन्य सब्जियों के दाम बढ़े
आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है, और होली के बाद से इसकी कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं। हालांकि आलू 30 रुपये प्रति किलो के आसपास ही बिक रहा है, लेकिन अन्य हरी सब्जियों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके अलावा हरी धनिया, हरी मिर्च और नींबू जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम भी काफी बढ़ गए हैं, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लहसुन-प्याज के दाम भी बढ़े
नवरात्रि के दौरान आमतौर पर लोग लहसुन और प्याज का उपयोग कम कर देते हैं, जिससे इनकी कीमतें घट जाती हैं। लेकिन इस बार बाजार में इसका उल्टा देखने को मिल रहा है। प्याज की कीमतों में भी तेजी आई है, जो अब 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। जबकि लहसुन के दाम भी 400 से 500 रुपये प्रति किलो तक पहुँच गए हैं, जो कि सामान्य कीमत से बहुत अधिक है। सब्जी बाजार में संकट
टमाटर के दामों में अचानक उछाल और अन्य सब्जियों के दामों में वृद्धि से जनता के बजट पर असर पड़ रहा है। जहां लोग नवरात्रि के अवसर पर सस्ते दामों की उम्मीद कर रहे थे, वहीं उन्हें बढ़ती कीमतों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में अगर मौसम में सुधार नहीं हुआ तो सब्जियों के दामों में और बढ़ोतरी की आशंका है।