चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पाण्डेय के मुताबिक, सितम्बर माह के अंत तक उत्तर भारत में बारिश में कमी के आसार नहीं हैं। अगले 10 दिनों तक मानसून सक्रिय रहेगा। उन्होंने बताया कि मौसम वैज्ञानिकों ने पहले ही पूर्वानुमान जारी किया गया था कि इस साल मानसून लंबे समय तक रहेगा। डॉ. एसएन सुनील पाण्डेय के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर-पश्चिम भारत से तभी वापस होता है जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है। इसके साथ ही निचले क्षोभ मंडल (ट्रोपोस्फेयर) में चक्रवात रोधी वायु का निर्माण हो और आर्द्रता में भी काफी कमी होना आवश्यक है। मौसम विभाग के मुताबिक, उप्र के दक्षिणी हिस्सों में कम दबाव का क्षेत्र देश भर में बने मौसमी सिस्टम मध्य प्रदेश और इससे सटे उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। जिसकी वजह से अगले 24 घंटों में यूपी के कई स्थानों पर झमाझम बारिश हो सकती है।
बारिश में बही सड़कें, फसलें चौपट
उत्तर प्रदेश में 16-17 सितंबर को हुई मूसलाधार बारिश ने हजारों किलोमीटर सड़कें बहा दीं, जिन्हें फिर से सही कराने में करीब एक हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इतना नहीं बारिश के चलते खेतों में खड़ीं करीब 100 करोड़ की फसलें बर्बाद हो गईं। जानमाल का भी काफी नुकसान हुआ। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बारिश की वजह से हुए हादसों में करीब 50 लोगों की मौत हो गई। लखनऊ में शनिवार को भी कई सड़कों के धंसने का सिलसिला जारी रहा। शुक्रवार को स्मार्ट सिटी बनने को आतुर लखनऊ में बारिश के बाद शुक्रवार को एक तरफ धंसी सड़कों के गड्ढे भरवाये जा रहे थे तो दूसरी तरफ कई इलाकों में जगह-जगह सड़क धंसने के मामले भी सामने आ रहे थे।