‘पार्टी की रुचि जनता से किए वादों को पूरा करने में नहीं’
गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी की रुचि जनता से किए वादों को पूरा करने में नहीं है। पार्टी अपना समय केवल केंद्र सरकार से वाद-विवाद करने में ही नष्ट करती रहती है। केंद्र सरकार से तालमेल न होने के कारण जनहित के कार्य नहीं हो पाते। जनता को जो सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए, वह उसे नहीं मिल पाती। गहलोत ने पत्र में यमुना सफाई का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जनता से वादा करने के बावजूद दस साल में भी हमारी सरकार इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा सकी। दिल्ली में यमुना की हालत बद से बदतर ही होती गई। दस सालों में प्रदूषण कम होने की बजाय बढ़ता ही गया। हम जनता से किए वादे को पूरा नहीं कर पाए।
AAP छोड़ने की बताई ये वजह
उन्होंने लिखा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री व आप संयोजक अरविंंद केजरीवाल ने जनता से वादा किया था कि पांच साल में यमुना इतनी साफ हो जाएगी कि हम उसमें स्नान भी कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका। हमारी सरकार ऐसा करने में असफल रही। कैलाश गहलोत ने केजरीवाल को लिखे पत्र में रिनोवेशन के नाम पर मुख्यमंत्री आवास को शीश महल का रूप देने पर भी एतराज जताया। उन्होंने लिखा कि सरकार बनाते समय हमने जनता से सादगी का वादा किया था। लेकिन सरकार में आते ही पार्टी का चाल, चरित्र व चेहरा ही बदल गया। जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपये शीश महल पर खर्च कर दिए गए। जन धन का इस तरह दुरुपयोग उचित नहीं है। यह जनता के साथ मजाक है। इसी प्रकार गहलोत ने पत्र में कुछ और मुद्दों को उठाते हुए भरे मन से पार्टी काे छोड़ने की बात कही।