सबसे ज्यादा समस्या बेड न मिल पाने की है। आज मरीज इतने हैं कि बेड कम पड़ गए हैं। आसपास इलाकों से रेफर होकर आने वाले मरीजों का भी इलाज संभव नहीं हो पा रहा है। इसे देखते हुए सीएम ने आदेश दिए हैं कि केजीएमयू और बलरामपुर हॉस्पिटल को पूरी तरह से कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल के रूप में तैयार किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने अस्पतालों को लिखे पत्र में कहा है कि इन दोनों अस्पतालों को पूरे बेड संख्या के साथ कोविड अस्पतालों के रूप में परिवर्तित कर दिया जाए। इनमें नॉन कोविड का काम रोक दिया जाए। जब स्थिति सामान्य हो जाए, तभी इनमें नॉन कोविड की चिकित्सा पुनः प्रारंभ कर दी जाएगी।
सरकारी अस्पतालों के अतिरिक्त लखनऊ में कई प्राइवेट अस्पतालों को भी डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। इनमें टीएस मिश्र हॉस्पिटल, इंटीग्रल और हिन्द मेडिकल कॉलेज के नाम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इन अस्पतालों में अगले 2 दिनों के अंदर अतिरिक्त बेड्स उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं।