मिर्ज़ापुर में आज बड़ा हादसा हुआ है। रात को सोते समय घर की छत ढह जाने से एक ही परिवार के पांच लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गई। हादसे में लड़की को छोड़कर पूरा परिवार खत्म हो गया। ये परिवार किराये के मकान में रहता था। लड़की वाराणसी में पढ़ती है। घंटों चले राहत और बचाव कार्य के बाद पांचों के शव निकाले जा सके। हादसा मिर्जापुर कोतवाली अंतर्गत छोटी गुदरी इलाके में हुआ। यहां उमाशंकर का परिवार आशुतोष रंजन के किराये के मकान में अपने परिवार के साथ रहते थे। मकान काफी पुराना हो चुका था। मंगलवार/बुधवार की रात जब पूरा परिवार सो रहा था उसी समय आनक करीब 2.30 बजे अचानक ही मकानकी छत भरभराकर ढह गई। अंदर सो रहे परिवार के सभी लोग मलबे के नीचे दब गए। उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला।
कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की नाकामी पर स्वतः संज्ञान लेकर हुए सुनवाई कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा पेश कार्ययोजना को खारिज कर दिया है। सरकार से तीन मई को सुबह 11 बजे अगली सुनवाई पर नई और लागू होने लायक योजना पेश करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार को 12 बिंदुओं में वे कदम उठाने के लिए निर्देश दिए हैं, जिनसे महामारी की रोकथाम में मदद मिल सकती है। हाईकोर्ट ने ताजा सुनवाई में सरकार को कड़े शब्दों में फटकारा कि जो लोग सत्ता में हैं, वे ‘मेरा कायदा मानो, वरना कोई कायदा नहीं जैसा रवैया छोड़ दें। कोर्ट ने कहा कि सरकार का प्लान फेल है। सरकार माय वे या नो वे (मेरा रास्ता या कोई रास्ता नहीं) का तरीका छोड़े और लोगों के सुझावों पर भी अमल करे। जिससे लोगों की जान बचाई जा सके। कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के नागरिकों को ऑक्सीजन न दे पाना बेहद शर्मनाक है। तो दूसरी तरफ यूपी पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर तैनात 135 लोगों की मौत के मामले पर अब हाईकोर्ट ने बेहद सख्त रुख अख्तियार किया है।
कोरोना संक्रमण के बीच जौनपुर में इंसानयित को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां कोरोना के खौफ के चलते गांव वालों ने एक बुजुर्ग को उसकी पत्नी का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया कोई कांधा देना तो दूर गांव में उसे अंतिम संस्कार करने से भी रोक दिया। बुजुर्ग घंटों अपनी पत्नी की लाश साइकिल पर लेकर इधर-उधर भटकता रहा। घटना के बारे में जानकारी होने के बाद गांव पहुंचकर पुलिस ने अंतिम संस्कार करवाया। जौनपुर में मड़ियाहूं थानाक्षेत्र के अमरपुर गांव निवासी तिलकधारी सिंह की पत्नी राजकुमारी (50) कई दिनों से बीमार चल रही थी। सोमवार को पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर तिलकधारी उसे जिला अस्पताल ले गया, लेकिन वहां उसे बेड तक नहीं मिल सका, जिससे उसका इलाज नहीं हुआ और वह चल बसी। पत्नी की लाश लेकर जब वह घर पहुंचा तो गांव के लोगों ने कोरोना की बात कहकर दूरी बना ली।
अमेठी में अपने नाना के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग करना एक नाती को महंगा पड़ गया। उसने सोमवार को अभिनेता सोनू सूद को ट्वीट कर सहायता मांगी थी। ट्वीट के बाद हरकत में आई अमेठी पुलिस की जांच में मामला फर्जी पाया गया। पुलिस ने युवक के खिलाफ रामगंज थाने में 188, 269, 505, 03 महामारी अधिनियम और आपदा अधिनियम की धारा 54 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया, हालांकि चेतावनी देकर उसे बाद में छोड़ दिया। मामला अमेठी जनपद की रामगंज थाना क्षेत्र के रतापुर गांव का है। यहां निवासी शशांक यादव ने 26 अप्रैल को रात में 8 बजे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ट्विटर पर सोनू सूद को टैग करते हुए ट्वीट किया। उसमें लिखा कि अमेठी में हमारे नाना के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता है। यह ट्वीट कुछ ही पलों में वायरल हो गया। शशांक के ट्वीट पर अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने भी चिंता जाहिर की। उन्होंने उसके फोन नंबर को संपर्क किया, लेकिन हो न सका। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि शशांक यादव से फोन पर संपर्क नहीं हो पा रहा है। बाद में एक और ट्वीट आया जिसमें बताया गया कि शशांक के नाना जी की मौत हो गई है। इस बीच अमेठी पुलिस के साथ-साथ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा भी हरकत में आया।