उत्तर प्रदेश में तीन दिनों से कोरोना के ग्राफ में गिरावट देखने को मिल रही है। मंगलवार को 32,993 नए कोविड मामले सामने आए। हालांकि यह संख्या छोटी नहीं हैं, लेकिन लगातार तीसरे दिन मामलों में कमी आना और डिस्चार्ज रेट बढ़ना, इस संकट के दौर में कुछ उम्मीद जरूरी देता है। मंगलवार को कुल 30,398 लोग स्वस्थ भी हुए हैं। लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ी है। मंगलवार को 265 मरीजों ने दम तोड़ दिया। सोमवार को 249 की मौत हुई थी। वहीं उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 3,06,458 है। कल प्रदेश में 1,84,144 सैंपल्स की जांच की गई। अब तक उत्तर प्रदेश में कुल 4,01,41,354 सैंपल्स की जांच की गई है। 4 करोड़ से ज्यादा टेस्ट करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है।
उप्र में जिस तरह से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है उस पर रोक न लगी तो आने वाले दिनों सरकार को हर रोज 16752 ऑक्सीजन से लैस आइसोलेशन बेड, 3061 आईसीयू बेड और 1538 वेटिलेंटर्स की जरूरत होगी। 30 अप्रेल तक यूपी में हर दिन एक लाख से ज्यादा मामले मिल सकते हैं। दूसरी लहर में 15 मई तक यूपी हॉटस्पॉट बन जाएगा। यह आंकड़ा नीति आयोग ने जारी किया है। साथ ही नीति आयोग ने चेताया है कि गांवों में भी तेजी से संक्रमण फैल रहा है। इसे भी रोकने की जरूरत है। अन्यथा स्थिति विस्फोटक हो सकती है।
कोरोनाकाल के दौरान किसी चीज को लेकर सबसे अधिक हंमागा कट रहा है, तो वह है ऑक्सीजन। इसकी कमी के चलते उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों ने अपनी जान गवा दी है, हालांकि अब जाकर तैयारियां कुछ दुरुस्त हो रही हैं। ऑक्सीजन टैंकरों का दूसरे राज्यों से आना जारी है। तो वहीं शासन के आदेश पर आईआईटी कानपुर ने ऑक्सीजन ऑडिट ऐप भी तैयार किया है, जिससे अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग व पूर्ति के बीच के अंतर को त्वरित खत्म कर मरीजों की मदद की जा सके। आईआईटी कानपुर ने इस एप को एक दिन के अंदर बनाकर शासन को सौंप दिया है।
नासे रोग हरे सब पीड़ा जपत निरंतर हनुमत वीरा। इसी कामना के साथ कोरोना वायरस संक्रमण के भयावह हालातों के बीच भगवान श्री राम जन्मोत्सव के बाद दक्षिण परंपरा से अयोध्या में बजरंगबली का प्राकट्योत्सव मनाया गया। इस दौरान हनुमान मंदिरों में भव्य आरती महोत्सव का आयोजन किया गया। हालांकि इस दौरान श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहा। अयोध्या में हनुमान गढी, कालेराम मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों में मंगलवार को आयोजन किये गए, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल के कारण कोई भी दर्शनार्थी इस दौरान मंदिर में शामिल नहीं हो सका। मंदिरों के मुख्य द्वार बंद रहे और बंद मंदिरों में इस उत्सव का आयोजन किया गया।