पूछताछ में मैंडी ने बताया कि नई दिल्ली स्थित रिडीमर चर्च में रविवार को बड़ी संख्या में नाइजीरियन पहुंचते थे। यहीं मोसिस से उसकी मुलाकात हुई। अलीशा हिंदी और इंग्लिश की अच्छी जानकार थी। इसलिए मोसिस ने पैसों का लालच देकर उसे गिरोह में शामिल कर लिया था। इसके बाद वह दिल्ली में ही ठगों के साथ मिलकर प्लान तैयार करती थी। अलीशा कस्टम अधिकारी बनकर शिकार को फोन करती थी। टैक्स, मनी लांड्रिंग प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों के नाम पर वह शिकार से पैसे जमा करवाती थी। झांसे में जो नहीं आता था, उस पर मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देती थी। हर कॉल के लिए मैंडी 10 प्रतिशत कमीशन लेती थी। नवाबगंज की पीड़िता से मैंडी ने कस्टम अफसर बनकर बात की थी और 23500 रुपए जमा कराए थे। धीरे-धीरे उससे 4.05 लाख रुपए ठगे गए थे।
नवाबगंज थाना क्षेत्र में एक युवती ने ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद क्राइम ब्रांच को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी गई थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि केविन हेरिसन नाम के एक युवक से इंस्टाग्राम पर उसकी दोस्ती हुई थी, जिसने खुद को यूके का रहने वाला बताया था। केविन ने कहा कि उसने उसे महंगा गिफ्ट भेजा है और फिर कस्टम अधिकारी बनकर युवती को फोन किया। कहा कि आपका बेहद कीमती गिफ्ट आया है, इसके लिए 23500 रुपए देने होंगे। युवती ने उसे पेटीएम कर दिया। फिर कानून कार्रवाई का भय दिखाकर उससे 4.05 लाख रुपए की ठगी कर ली।