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डीए मिलने पर राज्य के करीब 15 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। डीए दिए जाने पर सरकार के खजाने पर करीब ₹2000 करोड़ रु. का सालाना भार पड़ेगा। इसके अलावा बोनस देने पर करीब ₹900 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। बोनस का लाभ अराजपत्रित कर्मचारियों को दिए जाने का प्रावधान है। इस सब खर्च के लिए पैसे की व्यवस्था सरकार ने पहले ही बजट में ली है। असल में केंद्र के समान ही राज्य कर्मचारियों को डीए दिया जाता है।
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इस बार इन्हें 2% बढ़ोतरी के साथ 9% डीए दिया जाएगा। पिछले साल 2017 में 10 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने राज्य कर्मचारियों को बोनस देने की फाइल मंजूर कर ली थी। अराजपत्रित कर्मचारियों को 30 दिन का तदर्थ बोनस दिया गया था। बोनस कि अधिकतम धनराशि ₹6908 निर्धारित की गई थी। बोनस देने पर खजाने पर करीब 967 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा था।