दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को मिलेगा विशेष विकल्प
नई स्थानांतरण नीति में दिव्यांग बच्चों के माता-पिता के लिए भी विशेष प्रावधान हैं। मंदित बच्चों और चलन क्रिया से प्रभावित बच्चों के माता-पिता की तैनाती अधिकृत सरकारी चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर ऐसी जगह पर की जा सकेगी, जहां चिकित्सा की समुचित व्यवस्था उपलब्ध हो या जहां से उनकी उचित देखभाल हो सके। इसके अलावा, व्यक्तिगत कारणों जैसे चिकित्सा, बच्चों की शिक्षा, शासकीय सेवा के दौरान मृत माता या पिता के अवयस्क बच्चों के पालन-पोषण और देखभाल के आधार पर भी स्थानांतरण या समायोजन किया जा सकेगा, बशर्ते कि उस पर कोई प्रशासनिक आपत्ति न हो।
पति-पत्नी को एक ही जनपद में स्थानांतरण की सुविधा
नई नीति के तहत, यदि पति और पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हों तो उन्हें यथा संभव एक ही जनपद, नगर या स्थान पर तैनात किया जा सकेगा। 2 वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले समूह ग एवं घ के कार्मिकों को उनके गृह जनपद और समूह क एवं ख के कार्मिकों को उनके गृह जनपद को छोड़ते हुए इच्छित जनपद में तैनात करने पर विचार किया जाएगा। प्रोन्नति, सेवा समाप्ति, सेवानिवृत्ति आदि स्थितियों में प्राप्त रिक्त पदों पर स्थानांतरण भी किए जा सकेंगे।
आकांक्षी जनपदों और विकासखंडों का विशेष ध्यान
नई नीति में प्रदेश के आकांक्षी जिला योजना से संबंधित 8 जिले (चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और बहराइच) और 34 जनपदों के 100 आकांक्षी विकासखंडों में तैनात कार्मिकों का विशेष ध्यान रखा गया है। इन क्षेत्रों में तैनात कार्मिकों को तब तक अवमुक्त नहीं किया जाएगा जब तक कि उनके प्रतिस्थानी द्वारा कार्यभार ग्रहण नहीं कर लिया जाए। यह प्रतिबंध आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, पीसीएस और पीपीएस अधिकारियों पर लागू नहीं होगा। नई स्थानांतरण नीति के माध्यम से योगी सरकार ने दिव्यांग कार्मिकों और उनके परिवारों को राहत देने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे।