शिवपाल यादव छह बार के विधायक हैं। इस बार यूपी विधानसभा चुनाव में उन्होंने सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से दूरियां बढ़ती जा रही हैं। विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सपा विधायक होने के बावजूद शिवपाल को विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया। शिवपाल को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की चर्चाओं के बीच ऐसा माना जा रहा था कि उन्हें ही यह पद मिलेगा लेकिन यहां से भी उनका पत्ता कट गया। सपा उन्हें विधायक के बजाय सहयोगी पीएसपी का अध्यक्ष मानती है।
सैफई के शकुनि सपा को बर्बाद करने में तुले मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव ने अखिलेश को लेकर तंज कसा है। उन्होंने शिवपाल को भाजपा में शामिल होने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ”सपा समाप्ती के कगार पर है। शिवपाल यादव का सैफई के एक शकुनी और अखिलेश यादव ने बहुत अपमान किया है। शिवपाल यादव प्रदेश के बड़े नेता हैं। प्रदेश की जनता उनका काफी सम्मान करती है। मगर सैफई के एक शकुनी और अखिलेश ने उन्हें लगातार अपमानित किया है। उन्होंने शिवपाल को सुझाव दिया कि जनता ने बीजेपी को पसंद किया है। मोदी और योगी सरकार को पसंद कर जनता ने 24 के चुनाव में मुहर भी लगा दी है। जब जनता ही इन्हें पसंद कर रही है तो शिवपाल को भाजपा में शामिल होकर मोदी और योगी के साथ हाथ मिलाना चाहिए।”
राममय हुए शिवपाल, जाएंगे रामलला के दर्शन करने भाजपा में शामिल होने के कयासों के बीच शिवपाल पर भगवा रंग भी चढ़ने लगा है। नवरात्रि में वे रामायण की चौपाइयों का पाठ पढ़ रहे हैं। उन्होंने रामायण की चौपाइयों को पोस्ट किया कर संदेश देने की कोशिश की है। चौपाई के साथ भगवान राम को परिवार, संस्कृति और राष्ट्र निर्माण के लिए सबसे अच्छा स्कूल बताया है। लिहाजा माना जा रहा है कि इसके जरिये शिवपाल अपनी इमेज बदलने का प्रयास कर रहे हैं।
शिवपाल ने रामायण के जरिये संदेश देने की कोशिश की है। उन्होंने ट्वीट किया, ”प्रातकाल उठि कै रघुनाथा। मातु पिता गुरु नावहिं माथा॥ आयसु मागि करहिं पुर काजा। देखि चरित हरषइ मन राजा। भगवान राम का चरित्र ‘परिवार, संस्कार और राष्ट्र’ निर्माण की सर्वोत्तम पाठशाला है। चैत्र नवरात्रि आस्था के साथ ही प्रभु राम के आदर्श से जुड़ने व उसे गुनने का भी क्षण है।”