रामपुर नवाब की कहानी, एशिया का पहला वातानुकूलित महल 16 वारिसों में बंटेगा
नवाब परिवार की 2600 करोड़ की सपंत्तियों को 18 हिस्सेदारों में बांटने का आदेश कोर्ट ने दिया था। लेकिन, दो वारिसों के कोई बच्चे न होने के कारण 16 वारिसों के बीच संपत्ति बंटी है। इसमें 205 कमरों वाला वह महल भी शामिल है, जिसे एशिया का पहला वातानुकूलित महल कहा जाता है।
रामपुर. उप्र में चहुंओर विधानसभा चुनाव का शोर है। लेकिन, देश के बड़े नवाब परिवारों में शामिल यूपी का रामपुर घराना चुनावी शोर-शराबे से दूर संपत्ति बंटवारे में मशगूल है। नवाब परिवार की 2600 करोड़ की सपंत्तियों को 18 हिस्सेदारों में बांटने का आदेश कोर्ट ने दिया था। लेकिन, दो वारिसों के कोई बच्चे न होने के कारण 16 वारिसों के बीच संपत्ति बंटी है। इसमें 205 कमरों वाला वह महल भी शामिल है, जिसे एशिया का पहला वातानुकूलित महल कहा जाता है। रामपुर के नवाब रजा अली खान की संपत्ति का विवाद 49 साल की लड़ाई के बाद बंटवारा हो गया। 18 पक्षकारों के बीच शरीयत के मुताबिक बंटवारा हुआ। दावेदारों में से दो के कोई वारिस न होने की वजह से इन दोनों की संपत्ति 16 लोगों में बीच बांटी जाएगी। सभी वारिसों में सिर्फ नवाब नवेद मियां और उनकी मां बेगम नूर बानो ही रामपुर में रहते हैं। बाकी अन्यत्र रहते हैं।
55 एकड़ में फैला है 205 कमरों वाला महल रामपुर के नवाब की संपत्तियों में इमामबाड़ा खास बाग में बना महल अहम है। यह सबसे बड़ी संपत्ति है। 100 साल में बनने वाला यह महल अंतिम रूप में 1930 में तैयार हुआ इसमें 205 कमरे हैं। यह एशिया का पहला पूर्ण वातानुकूलित महल था। इसमें विशेष तकनीक का इस्तेमाल हुआ था जिसकी वजह से महल के कमरे मौसम के अनुरूप ठंडे या गरम रहते थे।
संपत्तियों में यह भी शामिल कोठी खासबाग, बेनजीर बाग, नवाब रेलवे स्टेशन, सरकारी कुंडा और शाहबाद के लक्खी बाग। करोड़ों के गहने और हथियार। किसको कितना हिस्सा मिला 1972 से चल रहे विवाद में रामपुर की जिला अदालत ने छह दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट को ‘पार्टीशन स्कीम’ भेजी थी। इस पर आपत्तियां मांगी थीं। जिसकी समय सीमा अब खत्म हो गयी है। लिहाजा संपत्तियों को शरिया कानून के तहत नवाब के 16 वारिसों में बांट दिया गया। स्वर्गीय नवाब मुर्तजा अली खां के बेटे मुहम्मद अली खां उर्फ मुराद मियां को 8.101 उनकी बेटी निगहत बी को 4.051 फीसद। पूर्व सांसद बेगम नूरबानो को 2.250, उनके बेटे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को 7.874, बेगम नूरबानो की बेटी समन खान को 3.937 और दूसरी बेटी सबा दुर्रेज अहमद को 3.937 फीसद मिला है। इसी तरह अन्य हिस्सेदार हैं।
कहीं कोई विवाद नहीं पूर्व सांसद बेगम नूर बानो का कहना है कि बंटवारे को लेकर कोई रंजिश नहीं है। सब कुछ इत्मीनान के साथ हुआ है। जबकि, नवाब परिवार के नवाब नवेद मियां कहते हैं, नवाब रजा अली खान के वारिसों में तीन बीवियां, छह बेटियां, तीन बेटे हैं।
पूर्व राष्ट्रपति की बहू भी वारिस वारिसों में देश के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की बहू सबा दुर्रेज अहमद भी हैं। सबा दुर्रेज, नवाब रजा अली खां के पुत्र नवाब ज़ुल्फिकार अली खां की बेटी हैं। सबा दुर्रेज अहमद के पति दुर्रेज अहमद जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
पाक के पूर्व एयर चीफ मार्शल की पत्नी भी हिस्सेदार नवाब रजा अली खान की बेटी मेहरून्निसा भी हिस्सेदार हैं। उनके पति पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल अब्दुल रहीम खान हैं।
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