मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ गणेश शंकर कहते हैं, प्रदेश में इस समय करीब 25 से 30 फीसदी आबादी किसी न किसी रूप में मानसिक समस्या से जूझ रही है। मानसिक समस्याओं की तरफ बढ़ रहे मरीजों में शुरूआती दौर में नींद की कमी, भूख कम लगना, अधिक थकान महसूस होना, बेचैनी होना, पेट में दर्द, बदन में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, धड़कन तेज होना, तेज पसीना आना, महिलाओं में माहवारी में दिक्कत आना, शारीरकि संबंध में रुचि न रहना या दिक्कत होने जैसे लक्षण भी देखे जाते हैं। ज्यादातर लोग इन शुरूआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। यही लापरवाही लोगों में गंभीर मानसिक रोगों का कारण बनती हैं।
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उम्र की आखिरी दहलीज पर भी कभी बीपी और शुगर मशीन की नहीं पड़ी जरूरत मानसिक रोगों से बचने के लिए दूसरों से जुड़े रहें और खुद को अलग न समझें। सकारात्मक सोच रखें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, दूसरों की मदद करते रहें। साथ ही पर्याप्त नींद लें व समय से सोएं और जगें। हेल्दी डायट लें, शराब, धूम्रपान और ड्रग्स से बचें। धूप का सेवन करें, तनाव नहीं लें, अधिक सोचना बंद करें, एक्सरसाइज और योग करें मिलनसार बनें।
विशेषज्ञों की रिसर्च के मुताबिक हर्ट कैलेस्ट्रोल की बीमारी न केवल बुजुर्गों बल्कि युवाओं में भी है। ऐसे में आलू, सोयाबीन, तिल, टमाटर, प्याज, ब्रोकोली जैसी कई सब्जियां हार्ट अटैक को रोकने और उसका इलाज करने में काफी मददगार हैं। इसमें विटामिन, आवश्यक तत्व और फाइबर होता है। बता दें कि बॉडी में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल होता है। पहला अच्छा और दूसरा बैड। बैड कोलेस्ट्रॉल के चलती ही हार्ट अटैक आता है। ऐसे में बॉडी में कोलेस्ट्रॉल को संतुलित बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। दालों का सेवन फायदेमंद होता है। इसमें घुलनशील फाइबर पाए जाते हैं।
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देश में कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक, जानिए उत्तर प्रदेश में क्या हैं इंतजाम और स्थिति प्रोस्टेट हार्मोन टेस्टोस्टेरोन द्वारा विनियमित होता है। एक तरल पदार्थ का उत्पादन करता है, जिसे वीर्य कहा जाता है। जब प्रोस्टेट में कोशिकाओं की असामान्य, घातक वृद्धि से ट्यूमर बन जाता है, इसे प्रोस्टेट कैंसर होता है। इसके लक्षण हैं कि बार-बार पेशाब आना, पेशाब में रुकावट, जलन, खून आना, रात में अधिक पेशाब आना और संक्रमण प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण हैं। वहीं, लगभग 65 वर्ष की आयु के बाद प्रोस्टेट कैंसर के होने की संभावना रहती है।