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लखनऊ

किसान दिवस पर विशेष : पारम्परिक खेती छोड़ ड्रैगन फ्रूट से हो रहे मिर्जापुर के किसान मालामाल

– प्रगतिशील किसान आशाराम बने किसानों के हीरो- विदेशों में भारी मांग, ड्रैगन फ्रूट स्वादिष्ट होने के साथ कई बीमारियों में लाभदायक

लखनऊDec 22, 2020 / 06:10 pm

Mahendra Pratap

किसान दिवस पर विशेष : पारम्परिक खेती छोड़ ड्रैगन फ्रूट से हो रहे मिर्जापुर के किसान मालामाल

किसान दिवस पर विशेष : पारम्परिक खेती छोड़ ड्रैगन फ्रूट से हो रहे मिर्जापुर के किसान मालामाल

लखनऊ. पूरा देश आज 23 दिसंबर को किसान दिवस मना रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती की याद में किसान दिवस मनाया जाता है। आज जहां एक तरफ नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने पिछले 27 दिन से अपना मोर्चा खोल रखा है वहीं मिर्जापुर के किसान अपनी पारम्परिक खेती को छोड़ ड्रैगन फ्रूट की खेती कर मालामाल हो रहे हैं। ड्रैगन फ्रूट की देश सहित विदेशों में भारी मांग है। इसकी फसल 15 माह में तैयार हो जाती है। एक पौधे से तीस साल तक फसल ली जा सकती है। बाजार में ड्रैगन फ्रूट आसानी 200 रुपये किलो बिक जाता है। पर मांग अधिक होने पर 500 रुपए देने पड़ जाते हैं। ड्रैगन फ्रूट कई बीमारियों में लाभदायक है।
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किसानों का बदल गया मन :- प्रदेश के बहुत से किसान अपनी पारम्परिक खेती को छोड़ कर मुनाफे वाली फसलों, फलों और सब्जियों की खेती में हाथ आजमा रहे हैं। मिर्जापुर के सीटी ब्लाॅक के आशाराम प्रगतिशील किसान हैं। उन्होंने अपनी आय को बढ़ने के लिए प्रयोग के तौर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की। शुरू में कई किसानों ने उनके प्रयोग का मजाक बनाया। पर 15 महीनों के इंतजार के बाद जब ड्रैगन फ्रूट के बिकने के बाद किसानों को मुनाफे की जानकारी हुई तो किसान हैरान हो गए। और बहुत से किसानों का मन बदल गया और एक बड़ा क्षेत्र ड्रैगन फ्रूट की खेती करने लगा।
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आशाराम की देखा देखी जुड़े कई किसान :- किसान आशाराम ने बताया कि, ड्रैगन फ्रूट से मिले मुनाफे को देखकर अब दो एकड़ में खेती करुंगा। इसके लिए किसी तरह के कीटनाशक की जरूरत नहीं पड़ती, पानी भी कम लगता है। कम लागत में मुनाफा अधिक मिलता है। बाजार में अभी इसकी कीमत 200—500 रुपए प्रति किलो मिल रही है। मिर्जापुर में अब किसानों ने इसकी खेती शुरू कर दी है।
विदेशों में खूब डिमांड :- थाईलैंड, मलेशिया और श्रीलंका में पाया जाने वाला यह फल जितना पौष्टिक है उतना ही महंगा बिकता है। एक बार बुआई कर कई साल तक इसकी फसल ली जा सकती है। स्थानीय बाजारों के साथ सुपर मार्केट और स्टोर्स में भी इसकी खूब डिमांड रहती है।
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ड्रैगन फ्रूट की खेती में उद्यान विभाग मददगार :- अगर कोई किसान इसकी खेती करना चाहे तो यूपी सरकार का उद्यान विभाग उसकी मदद करता है। जिला उद्यान अधिकारी मेवा लाल ने बताया कि, यह दक्षिण एशियाई फल है, जिसका आयात भारत में होता है। यह किसानों के लिए बेहद फायदेमंद खेती है। मिर्जापुर में किसानों को इसकी खेती के लिये खासतौर से प्रोत्साहित किया जा रहा है। उद्यान विभाग खुद इसका बीज और पौधा किसानों को उपलब्ध करा रहा है। तैयार पौधे की कीमत प्रति पौधा पचास रुपए है।
हर साल छह लाख रुपए की आय :- किसान आशाराम ने बताया कि, एक एकड़ की बुआई में करीब पांच लाख रुपए की लागत आती है। 15 महीनों में फसल तैयार हो जाती है। एक पौधे से तीस साल तक फसल ली जा सकती है। एक एकड़ से हर साल करीब पांच से छह लाख रुपए की आय हो जाती है।
सेहत के लिए लाभप्रद ड्रैगन फ्रूट :- ड्रैगन फ्रूट गुलाबी रंग का एक स्वादिष्ट फल होता है। सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इस कई बीमारियों में ड्रैगन फ्रूट लाभदायक माना गया है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण काफी मात्रा में मौजूद होते हैं। ड्रैगन फल में विटामिन सी, प्रोटीन, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। ड्रैगन फल कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल, कोशिकाओं और ह्रदय की सुरक्षा में मददगार होता है।
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