विश्व पृथ्वी दिवस world earth day :- विश्व पृथ्वी दिवस (international earth day 2021) 22 अप्रैल को मनाया जाता है। साल 2021 में पृथ्वी दिवस की थीम रिस्टोर द अर्थ है। साल 1970 में इसी दिन पहली बार अर्थ डे (earth day date) मनाया गया था।
विकास से खेतों को बचाने की नई योजना :- यूपी में लगातार विकास हो रहा है। सड़कें बन रहीं हैं। इमारतें बन रहीं है। नई आबादियों के लिए नई कालोनियां बसाई जा रही है। इस नए विकास की वजह से खेती योग्य जमीन लगातार कम होती जा रही हैं। वैसे पूरे देश में खेती योग्य कुल 181886,000 हेक्टेयर जमीन है। उत्तर प्रदेश 1.80 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर खेती की जाती है। वहीं देश में 26.31 करोड़ किसान हैं। उत्तर प्रदेश में 3.89 करोड़ किसान हैं। लखनऊ सहित तमाम शहरों में विकास की वजह से खेती योग्य जमीन कम हो रही है। तब सरकार ने अपनी नई योजना के तहत देश में कुल 16,996,000 हेक्टेयर बंजर जमीन को खेती योग्य बनाने का कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश में 80 लाख 61 हजार भूमि बंजर है। और सरकार का मानना है कि वह इसमें लगातार सफल हो रही है।
भूजल दोहन में यूपी नम्बर वन :- पृथ्वी के चेहरे को खराब करने में भूजल दोहन एक बड़ा रोल अदा कर रहा है। जहां भारत भूजल दोहन में दुनिया में नम्बर वन है वहीं यूपी देश में 20 फीसद दोहन के साथ टॉप पर है। यहां के 48 जिलों व 20 शहरों के ऊपरी एक्यूफर्स भूजल धारक स्ट्रेटा जवाब दे चुके हैं।
कई नादियां नाला बनीं :- आंकड़े दर्शाते हैं कि तमाम क्षेत्रों में बीते दो दशकों में भूजल स्तर आठ से 12 मीटर अथवा अधिक नीचे चला गया है। करीब तीन दशक में बारिश में आई जबरदस्त गिरावट ने भूजल की स्थिति को और भयावह बना दिया है। गिरते भूजल स्तर के कारण प्राकृतिक रिसाव घटने से गोमती, सई सहित कई भूजल पोषित नदियों के प्रवाह में में भारी कमी। ये नदियां कम नाले के रुप में परिवर्तित हो गईं हैं।
कैच द रेन से रोकेंगे भूजल दोहन :- यूपी के भूजल की बदहाल स्थिति में 45 लाख निजी सिंचाई नलकूप, 17 लाख बिना पंपसेट की बोरिगें, शहरों में घर-घर लगी लाखों समर्सिबल बोरिंग, टयूबवेल और कमर्शियल बोरिंगें भूजल भंडारों के अंधाधुंध दोहन की स्थिति को दर्शाने के लिए काफी है। पर चाहे केंद्र सरकार हो चाहे यूपी सरकार दोनों इस संकट से निपटने के लिए कानून के साथ कैच द रेन अभियान से रोकने को प्रयासरत हैं।