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लखनऊ

World Earth Day 2021 : यूपी में कम हो रही जोत लगातार घट रहा भूजल स्तर

world earth day -सरकार गंभीर, नई योजना और कानून से काबू पाने को तैयार

लखनऊApr 21, 2021 / 05:25 pm

Mahendra Pratap

World Earth Day 2021 : यूपी में कम हो रही जोत लगातार घट रहा भूजल स्तर

World Earth Day 2021 : यूपी में कम हो रही जोत लगातार घट रहा भूजल स्तर

लखनऊ. आज यूपी में विश्व पृथ्वी दिवस (international earth day 2021) मनाया जा रहा है। आने वाली नस्लों को हम सुंदर और सुरक्षित पृथ्वी सौंपे इसलिए जागरुकता के लिए हम पृथ्वी दिवस मनाते हैं। विकास के नाम पर यूपी में खेती योग्य जोत कम होती जा रही और लगातार भूजल स्तर भी घट रहा। भूजल दोहन में देश में उत्तर प्रदेश टॉप पर है। इस बेलगाम बोरिंग से इको सिस्टम को भारी नुकसान हो रहा है। पर सरकार गंभीरता के साथ कृषि योग्य भूमि बचाने और भूजल दोहन को रोकने के लिए काम कर रही है।
विश्व पृथ्वी दिवस world earth day :- विश्व पृथ्वी दिवस (international earth day 2021) 22 अप्रैल को मनाया जाता है। साल 2021 में पृथ्वी दिवस की थीम रिस्टोर द अर्थ है। साल 1970 में इसी दिन पहली बार अर्थ डे (earth day date) मनाया गया था।
विकास से खेतों को बचाने की नई योजना :- यूपी में लगातार विकास हो रहा है। सड़कें बन रहीं हैं। इमारतें बन रहीं है। नई आबादियों के लिए नई कालोनियां बसाई जा रही है। इस नए विकास की वजह से खेती योग्य जमीन लगातार कम होती जा रही हैं। वैसे पूरे देश में खेती योग्य कुल 181886,000 हेक्टेयर जमीन है। उत्तर प्रदेश 1.80 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर खेती की जाती है। वहीं देश में 26.31 करोड़ किसान हैं। उत्तर प्रदेश में 3.89 करोड़ किसान हैं। लखनऊ सहित तमाम शहरों में विकास की वजह से खेती योग्य जमीन कम हो रही है। तब सरकार ने अपनी नई योजना के तहत देश में कुल 16,996,000 हेक्टेयर बंजर जमीन को खेती योग्य बनाने का कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश में 80 लाख 61 हजार भूमि बंजर है। और सरकार का मानना है कि वह इसमें लगातार सफल हो रही है।
भूजल दोहन में यूपी नम्बर वन :- पृथ्वी के चेहरे को खराब करने में भूजल दोहन एक बड़ा रोल अदा कर रहा है। जहां भारत भूजल दोहन में दुनिया में नम्बर वन है वहीं यूपी देश में 20 फीसद दोहन के साथ टॉप पर है। यहां के 48 जिलों व 20 शहरों के ऊपरी एक्यूफर्स भूजल धारक स्ट्रेटा जवाब दे चुके हैं।
कई नादियां नाला बनीं :- आंकड़े दर्शाते हैं कि तमाम क्षेत्रों में बीते दो दशकों में भूजल स्तर आठ से 12 मीटर अथवा अधिक नीचे चला गया है। करीब तीन दशक में बारिश में आई जबरदस्त गिरावट ने भूजल की स्थिति को और भयावह बना दिया है। गिरते भूजल स्तर के कारण प्राकृतिक रिसाव घटने से गोमती, सई सहित कई भूजल पोषित नदियों के प्रवाह में में भारी कमी। ये नदियां कम नाले के रुप में परिवर्तित हो गईं हैं।
कैच द रेन से रोकेंगे भूजल दोहन :- यूपी के भूजल की बदहाल स्थिति में 45 लाख निजी सिंचाई नलकूप, 17 लाख बिना पंपसेट की बोरिगें, शहरों में घर-घर लगी लाखों समर्सिबल बोरिंग, टयूबवेल और कमर्शियल बोरिंगें भूजल भंडारों के अंधाधुंध दोहन की स्थिति को दर्शाने के लिए काफी है। पर चाहे केंद्र सरकार हो चाहे यूपी सरकार दोनों इस संकट से निपटने के लिए कानून के साथ कैच द रेन अभियान से रोकने को प्रयासरत हैं।

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