यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल चुने गए, नरेंद्र वर्मा पराजित सपा ने नरेंद्र वर्मा के साथ धोखा किया :- सीएम योगी, सोमवार को विधानसभा में उपाध्यक्ष चुनाव में नितिन अग्रवाल की जीत के बाद सदन को संबोधित कर रहे थे। सपा प्रत्याशी नरेंद्र वर्मा को मात्र 60 वोट मिलने पर सीएम ने वर्मा के प्रति सहानुभूति भी जताई, साथ ही कहा कि चार साल पहले यही अगर सपा उन्हें प्रत्याशी बनाती तो संभवतः उनकी जीत हो सकती थी। लेकिन, उनकी अपनी पार्टी ने रिजल्ट जानते हुए भी उपाध्यक्ष चुनाव के लिए उन्हें प्रत्याशी बनाया। यह एक धोखा है जो सपा ने नरेंद्र वर्मा के साथ किया है।
नितिन भी सपा के ही सदस्य हैं :- सबसे बड़े विपक्षी दल के रूप में समाजवादी पार्टी की अकर्मण्यता पर तंज कसते हुए सीएम ने कहा कि भाजपा ने पूरे साढ़े चार साल तक इंतज़ार किया, लेकिन सपा ने उपाध्यक्ष पद के लिए कोई नाम आगे नहीं किया। इन्हें अपने सदस्यों तक की पहचान नहीं है। अंततः सदन के अंतिम छह माह शेष रहते देख भाजपा ने इस परंपरा को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया। नितिन अग्रवाल के रूप में सदन को एक युवा, ऊर्जावान और अनुभवी उपाध्यक्ष मिलने पर खुशी जताते हुए सीएम योगी ने कहा कि “तकनीकी रूप से” नितिन भी सपा के ही सदस्य हैं और इस तरह भाजपा ने सदन की परंपरा का ही निर्वाह किया है।
सपा के लिए परिवार ही प्रदेश :- 2022 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की हार तय होने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने सपा को परिवारवाद की सोच से ऊपर उठकर व्यापक हित में सोचने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि सपा के लिए परिवार ही प्रदेश है, जबकि भाजपा के लिए पूरा प्रदेश एक परिवार है।