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लखनऊ

Opinion : वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, इसे खत्म करने की जिम्मेदारी सबकी है

Opinion : वायु प्रदूषण से यूपी के हालात काफी खराब हैं। उस पर खुशी का इजहार करने के लिए पटाखों का फोड़ना और खतरनाक है। इससे जबरदस्त वायु प्रदूषण फैलता है। जानलेवा प्रदूषण रोकने के लिए आम आदमी को आगे आना होगा, जिम्मेदार बनना होगा, आखिरकार शुद्ध हवा, जीवन है।

लखनऊNov 05, 2021 / 04:47 pm

Sanjay Kumar Srivastava

prasangvash

Opinion : वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, इसे खत्म करने की जिम्मेदारी सबकी है

Opinion मौसम बदल रहा है। ठंड लगातार बढ़ रही है। रबी की फसल की तैयारियां हो रही हैं। खेत तैयार करने के लिए बहुत से किसान पराली को खेत में ही जला रहे हैं। जिससे साफ हवा प्रदूषित हो जाती है। पर इस वायु प्रदूषण (Air Quality Index level) में सिर्फ किसान ही दोषी नहीं हैं। छोटे वाहन चालक से लेकर बड़ी इंडस्ट्रीज, प्रदेश की आबोहवा को खराब करने के दोषी हैं। सुप्रीम कोर्ट से लेकर राज्य सरकार तक इस मुद्दे पर बेहद गंभीर हैं। जहां वायु प्रदूषण रोकने के लिए यूपी सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू की है वहीं सरकार ने किसानों सहित अन्य लोगों के लिए कानून को सख्त कर दिया है। पर इन तमाम पाबंदियों के साथ साथ जनता की खुद की भी जिम्मेदारी है कि वह वायु प्रदूषण खत्म करने के लिए अपने पर नियंत्रण करे। क्योंकि, वायु प्रदूषण आपके जीवन के लिए खतरा है।
साफ हवा कितनी गंदी हुई इसे जानने के लिए वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index level) से इसका पता करते हैं। देश में एक्यूआई छह श्रेणी में बांटा गया है। 0-50 के बीच की वायु सबसे शुद्ध होती है। जैसे ही उसकी रेंज 201-300 के बीच पहुंचती है तो वह ‘खराब’ मानी जाती है। इसके बाद तो हालात खराब ही होते जाते हैं। वायु प्रदूषण की गुणवत्ता इन आठ कारकों पीएम10, पीएम 2.5, NO2, SO2, CO2, O3, और NH3 Pb निर्भर होती है। पीएम 10 का सामान्‍य लेवल 100 एमजीसीएम व पीएम 2.5 का नॉर्मल लेवल 60 एमजीसीएम से जरा सा भी अधिक हुआ तो नुकसानदायक हो जाता है। ये सभी कई गंभीर बीमारियों के जन्मदाता हैं।
यूपी सरकार ने पराली जलाने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया है। साथ ही और किसानों को लुभाने के लिए पराली और गोबर से किसानों की कमाई हो सके इसलिए पूरे प्रदेश में 125 कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगा रही है। रोज करीब 666 टन गैस का उत्पादन होगा। जिसस काफी आय होगी। वहीं सरकार ने पराली के बदले किसानों को गोबर से बनी शुद्ध खाद देने की योजना भी बनाई है। वाहन और इंडस्ट्रीज से होने वाले प्रदूषण रोकने के लिए भी सख्त प्रावधान किए हैं। पर सब कुछ सरकार नहीं कर सकती है, जानलेवा प्रदूषण रोकने के लिए आम आदमी को आगे आना होगा। उसे जिम्मेदार बनना होगा। और जो संभव हो सके उस करना होगा। आखिरकार शुद्ध हवा, जीवन है। (संकुश्री)

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