ग्राम पंचायत स्तर पर लागू अन्नदाता किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन करने के साथ डबल इंजन की सरकार फसलों को हुए नुकसान की भरपाई भी करती है। खेती में किसान और उसके परिवार के परिश्रम को कीमत में तब्दील नहीं किया जा सकता। उसकी प्रत्याशा खूब अन्न उपजाने की होती है। पर कई बार अतिवृष्टि, आंधी, तूफान, पाला, बर्फबारी, ओलावृष्टि, आग और कीटों के प्रकोप से उसकी मेहनत और खेती की लागत बेकार हो जाती है। आपदा में नष्ट किसानों की फसल की क्षतिपूर्ति करने और किसानों को आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की। इस योजना ने किसानों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की इस योजना को यूपी के सभी जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर लागू किया है।
पीएम फसल बीमा योजना में ऋणी कृषक अनिवार्य रूप से तथा अन्य किसान स्वैच्छिक आधार पर शामिल किए गए हैं। प्रीमियम मद में किसान की देयता को खरीफ फसल में अधिकतम दो प्रतिशत व रबी फसल में अधिकतम 1.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। नकदी व औद्यानिकी फसलों के लिए प्रीमियम मद में कृषक की देयता अधिकतम पांच प्रतिशत है। किसान द्वारा वहन किये जाने वाले प्रीमियर अंश से अधिक व वास्तवित प्रीमियर दर के अंतर की समस्त धनराशि को अनुदान के रूप में केंद्र व राज्य द्वारा बराबर वहन किया जाता है।
281.25 लाख किसानों ने कराया फसल बीमा योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में कुल 281.25 लाख बीमित किसानों द्वारा फसलों का बीमा कराया गया, जिसमें 27.59 लाख कृषकों को 3074.60 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है। इसमें खरीफ सीजन 2021 में 7.02 लाख किसानों को 654.85 करोड़ रुपये की फसल क्षतिपूर्ति का भुगतान भी शामिल हैं। गोरखपुर में 2021 खरीफ सीजन में 55481 किसानों ने फसल बीमा कराया जिनमें से 21801 को 13 करोड़ 59 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान प्राप्त हुआ। पूरे प्रदेश में रबी 2021-22 में 19.90 लाख कृषकों द्वारा फसल बीमा कराया गया है। इनमें से 46828 गोरखपुर के हैं। रबी सीजन में किसानों द्वारा क्लेम प्रक्रियाधीन है।