दरअसल, घर में कैश रखने की लिमिट तय नहीं है। लेकिन, घर में रखे कैश का सोर्स बताना जरूरी है। कैश के जरिए बड़े लेन-देन करने पर आप कभी भी मुसीबत में फंस सकते हैं। सरकार लगातार डिजिटल पेमेंट को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इस कड़ी में लगातार कैश ट्रांजैक्शन से जुड़े नियम सख्त होते जा रहे है। आज के समय में सभी लेन-देन के लिए डिजिटल पेमेंट करना ही ज्यादा सुविधाजनक और सुरक्षित है।
कैश को लेकर जुड़े नियम एक बार में 50,000 रुपए से ज्यादा कैश जमा करने या निकालने पर पैन कार्ड नंबर देना जरूरी है। कैश में पे-ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट भी बनवा रहे हैं तो पे ऑर्डर-DD के मामले में भी पैन नंबर देना होगा। वहीं 20 हजार रुपये से ऊपर कैश में लोन नहीं लिया जा सकता है। मेडिकल खर्च में 5000 रुपये से ज्यादा कैश में खर्च करने पर टैक्स में छूट नहीं मिलेगी। 50 हजार रुपये से ऊपर की रकम फॉरेन एक्सचेंज में नहीं बदली जाएगी।
कैश में 2000 रुपये से ज्यादा का चंदा या दान नहीं दिया जा सकता है। बिजनेस के लिए 10 हजार रुपये से ऊपर कैश में खर्च करने पर रकम को आपके मुनाफे की रकम में जोड़ी जाएगी। 2 लाख रुपये से ऊपर कैश में कोई खरीदारी नहीं की जा सकती। बैंक से 2 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश निकालने पर टीडीएस लगेगा। नए नियमों के अनुसार घर में रखे कैश का सोर्स बताना अब जरूरी है। अगर कोई इसकी जानकारी नहीं दे पाता है तो उसे 137% तक पेनाल्टी देनी पड़ सकती है।