1- तामस तन कछु साधन नाहीं, प्रीति न पद सरोज मन माहीं
भावार्थ- हे प्रभु! पूजन के लिए लिए मेरे पास कोई साधन नहीं हैं और न ही आपको चरणों की भक्ति..
भावार्थ- हे प्रभु! मैं पूजा, जप-तप और नियमों को नहीं जानता हूं, लेकिन आपका दास हूं। 3. नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा
भावार्थ- हनुमान चालीसा की इस चौपाई में लिखा है कि हनुमान जी की पूजा से सभी रोग और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
4. दीन दयाल बिरदु संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी
भावार्थ- दीन दुखियों के नाथ आप हमारे सभी कष्टों को दूर करिए। आप दीनों की रक्षा करने वाले दयालु हो।
जीवन की रक्षा के लिए बजरंग बाण का करें पाठ, भक्तों के सभी कष्ट हरेंगे संकटमोचक हनुमान
5. कवन सो काज कठिन जाग माहीं, जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहींभावार्थ- इस दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसे प्रभु हनुमान जी नहीं कर सकते
भावार्थ- हे हनुमान जी, सारी दुनिया आपको संकटमोचन के तौर पर जानती है, प्रभु मेरे भी सभी संकटों को आप हर लीजिए।
भावार्थ- दुनिया के जितने भी कठिन कार्य हैं, आपकी इच्छा शक्ति से वह सब सुगम हो जाते हैं।
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8. सब सुख लहैं तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना
भावार्थ- हे हनुमान जी, आपकी शरण में आने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। अगर आप रक्षक हैं तो किसी बात का डर नहीं है
भावार्थ- पवन पुत्र हनुमान जी के पावन नाम का स्मरण कीजिए, जिन्होंने श्रीराम को अपने ह्रदय में समाया हुआ है। 10. जेहि बिधि होइ नाथ हित मोरा, करहु सु बेगि दास मैं तोरा
भावार्थ– हे भगवन, जिस तरीके से मेरा कल्याण हो आप वह उपाय करिए, क्योंकि मैं आपका दास हूं।