चुनाव जीतने के बाद बढ़ी राजा की प्रतिष्ठा विधानसभा चनाव के बाद एमएलसी के चुनाव हुए, तीन बार से एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह को इस बार रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी से उम्मीदवार बनाया। रघुराज प्रताप सिंह के सामने चुनौती थी कि अक्षय प्रताप सिंह को एमएलसी का चुनाव जीताना है। चुनाव से ठीक पहले प्रतापगढ़ की कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह को फर्जी पते पर लाइसेंस बनाने का करार देते हुए 7 साल की सजा सुना दी। जिसके बाद अक्षय प्रताप सिंह के चुनाव लड़ने पर संशय मंडरा रहा था। हालांकि, अक्षय प्रताप सिंह को बेल मिल गई और अक्षय प्रताप सिंह चुनाव मैदान में उतरे और विजय हासिल की अक्षय प्रताप सिंह की विजय से रघुराज प्रताप सिंह का वर्चस्व और बढ़ गया।
जानें दोनों के बीच में क्या है रिश्ता अक्षय प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी की दोस्ती के किस्से काफी फेमस हैं। कोई अक्षय प्रताप सिंह को रघुराज प्रताप सिंह का चचेरा भाई बताता है तो कोई दूर का रिश्तेदार। हालांकि, बहुत कम ही लोगों को यह पता है कि रघुराज प्रताप सिंह व अक्षय प्रताप सिंह के बीच में क्या रिश्ता है। आज हम आपको रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और अक्षय प्रताप सिंह के बीच के बारे में बताते जा रहे हैं। पत्रिका से बातचीत करते हुए अक्षय प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया है कि रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और अक्षय प्रताप सिंह के बीच में कोई रिश्तेदारी नहीं है। उनके बीच दोस्ती का रिश्ता है जो तीन पीढ़ियों से चला आ रहा है। पहले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिताजी और अक्षय प्रताप सिंह के पिताजी दोस्त थे। उससे पहले दोनों के बाबा आपस में दोस्त थे अब या दोनों इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दोस्ती निभा रहे हैं।