राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग द्वारा भेजे गए इस प्रस्ताव पर कड़ा विरोध जताया है। परिषद के मुताबिक, नए मानकों की वजह से निजी कंपनियों को फायदा और बिजली उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ेगा।
15 फरवरी तक मांगे आपत्ति और सुझाव
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इस मामले पर 56 पेज का ड्राफ्ट जारी किया, जो पांच साल के लिए तैयार किए गए मल्टी ईयर वितरण टैरिफ रेगुलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद है। इस ड्राफ्ट के तहत नए रेगुलेशन पर 15 फरवरी तक आपत्ति और सुझाव मंगाए गए हैं। 19 फरवरी को इन पर सुनवाई होगी और फिर इन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा। बिजली चोरी का खामियाजा उपभोक्ताओं पर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि अगर नया रेगुलेशन जारी हो गया तो बिजली दरों में भारी बढ़ोत्तरी होगी। इससे सीधा फायदा निजी बिजली कंपनियों को होगा, जबकि नुकसान का भार उपभोक्ता उठाएंगे।
परिषद ने पुराने रेगुलेशन को रखने की अपील की
परिषद ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग से यह अपील की है कि उपभोक्ताओं के हित के लिए पुराने रेगुलेशन को ही रखा जाए। पूर्व में लागू कानून के अनुसार, यह व्यवस्था थी कि बिजली चोरी सहित अन्य प्रकरणों का खामियाजा उपभोक्ताओं को नहीं उठाना पड़ेगा, क्योंकि इसके लिए विजिलेंस विंग, बिजली थाना और अन्य व्यवस्थाएं मौजूद थीं।