सरकारी विभागों में संविदा कर्मियों का शोषण समाप्त करने की तैयारी: प्रक्रिया में बड़ा बदलाव
चार परियोजनाओं की वित्तीय बिड खुली, पाँच के लिए डीपीआर तैयार हो रही है
एनएचएआई ने चार हाईवे परियोजनाओं के लिए वित्तीय बिड प्रक्रिया पूरी कर ली है। इन परियोजनाओं की कुल लागत 5324 करोड़ रुपये है।- कानपुर रिंग रोड फेज-2
- मथुरा-हाथरस-बदायूं-बरेली फोरलेन पैकेज-4
- आगरा अलीगढ़ के एनएच-93 के पैकेज-1 और पैकेज-2
- इसके अलावा, बरेली के 4-6 लेन दक्षिणी बाईपास और कबरई- कानपुर फोरलेन की प्रोजेक्ट रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इनकी लागत क्रमशः 2000 और 3900 करोड़ रुपये आंकी गई है।
- लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का काम समय पर होगा पूरा
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, जो यूपी की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है, उसकी टाइमलाइन भी तय कर दी गई है। - पैकेज-2: मई 2025 तक पूरा होगा।
पैकेज-1: जुलाई 2025 तक पूरा हो जाएगा।
इस एक्सप्रेस वे से लखनऊ और कानपुर के बीच यात्रा समय में कमी आएगी और सड़क सुरक्षा में भी सुधार होगा।
बाराबंकी से जरवल मार्ग पर 1550 करोड़ रुपये खर्च कर करीब 35.7 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी। इसके अलावा, इस मार्ग के पैकेज-2 में 7.3 किलोमीटर लंबा फोरलेन ब्रिज और रेलवे उपरिगामी सेतु (आरओबी) बनेगा। इस परियोजना पर 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जरवल से बहराइच के बीच 58.4 किमी लंबी सड़क बनाने के लिए 2050 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत है।
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आगरा बाईपास और इनर रिंग रोड का काम मार्च तक पूरा होगा
उत्तर प्रदेश में आगरा बाईपास के निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। आगरा इनर रिंग रोड और आगरा बाईपास (एनच-2) का निर्माण कार्य आगामी 31 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा हरदोई बाईपास का निर्माण कार्य भी जुलाई 2025 तक समाप्त हो जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों के यातायात में सुधार होगा।गोरखपुर- पिपराइच मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए संशोधित एस्टीमेट को मंजूरी दे दी गई है। यह सड़क 19.485 किमी लंबी होगी। इस सड़क के निर्माण से गोरखपुर जिले के यातायात की स्थिति में सुधार होगा।
- संवेदनशील इलाकों को जोड़ेगी नई हाईवे परियोजनाएं
इन हाईवे परियोजनाओं से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में संपर्क बेहतर होगा, जिससे व्यापार और उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। - कानपुर-बाराबंकी से लेकर आगरा-मथुरा-बरेली जैसे प्रमुख मार्गों के निर्माण से इन क्षेत्रों के लोगों को यातायात के लिहाज से काफी सहूलियत मिलेगी।
बरेली-दिल्ली मार्ग में भी सुधार होगा, जिससे उत्तर भारत के अन्य राज्यों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी।