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सरकार की कार्ययोजना
दलहन उत्पादन को बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। अरहर, उड़द और मूंग की फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 27,200 हेक्टेयर में फसल प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, 31,553 कुंतल बीज वितरण और 27,356 कुंतल प्रमाणित बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। बीज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 14 सीड हब बनाए गए हैं, जो 21,000 कुंतल बीज उत्पादन करेंगे।रेलवे का बड़ा फैसला: अगले दो साल में 10 हजार नॉन-एसी कोच, जनरल और स्लीपर यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत
किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अरहर की उन्नतशील प्रजातियों के 10,500 मिनीकिट्स बांटे जाएंगे। मूंग और उड़द जैसी अन्य दलहनी फसलों के मिनीकिट्स भी वितरित किए जाएंगे। इसके अलावा, सरकार ने दलहनी फसलों की एमएसपी पर खरीद की व्यवस्था भी सुनिश्चित की है, जिससे किसानों को वाजिब दाम मिल सके।बुंदेलखंड में आदर्श दलहन ग्राम
दलहन उत्पादन में अग्रणी बुंदेलखंड के जिलों – बाँदा, महोबा, जालौन, चित्रकूट और ललितपुर में आदर्श दलहन ग्राम विकसित किए जाएंगे। प्रदेश की कुल उपज का लक्ष्य 30 लाख टन है और प्रति हेक्टेयर उपज को 14 से बढ़ाकर 16 कुंतल करना है। इसके लिए 1.75 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त रकबे को दलहन की फसलों से आच्छादित किया जाएगा।Heavy Rain: लखनऊ, अयोध्या, कन्नौज, बलिया, सोनभद्र, चंदौली और बनारस में 8-10 जुलाई तक IMD की नई भविष्यवाणी
असमतल भूमि और सहफसली खेती पर जोर
असमतल भूमि पर स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली, फरो एंड रिज मेथड से खेती और एमएसपी पर खरीद की गारंटी जैसी तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन में वृद्धि की जाएगी। सरकार पोषण सुरक्षा के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए दलहनी फसलों को बढ़ावा दे रही है, जो प्रोटीन का मुख्य स्रोत हैं और भूमि के लिए संजीवनी हैं।
आत्मनिर्भरता से विदेशी मुद्रा की बचत
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक, उपभोक्ता और आयातक देश है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा दलहन उपभोक्ता राज्य है। अगर उत्तर प्रदेश दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाता है, तो विदेशी मुद्रा की बचत होगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाल के दामों पर भी नियंत्रण रहेगा।