देश में कोरोना के खतरनाक वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर का सामना न करना पड़े इसीलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से अपील की है कि, रैलियों पर रोक लगाई जाए और चुनाव टालने पर भी विचार किया जाए। आने वाले साल में देश के यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 2022 होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश को लेकर अधिक चिंता है क्योंकि बड़ी जनसंख्या होने की वजह से चुनावी रैलियों में जमकर भीड़ नजर आती है।
विधानसभा चुनाव की वजह से तीसरी लहर फैलने से रोकें।
राजनीतिक पार्टियों की भीड़ वाली रैलियों पर रोक लगाएं।
रैलियों और चुनावी सभाएं रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, जान है तो जहान है।
जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां और सभाएं होती रहेंगी- हाई कोर्ट।
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पीएम मोदी ने बैठक की :- कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की है। और देशवासियों को भी सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी है।
जनवरी में तीसरी लहर आने की आशंका : प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर पद्मश्री मणींद्र अग्रवाल ने कहाकि, ओमिक्रॉन के खतरे को टाला नहीं जा सकता। केवल इससे सचेत रहने की जरूरत है। जनवरी में तीसरी लहर आने की आशंका है। फरवरी में इसका पीक आ सकता है। सावधानी बरतें। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इसी से ओमिक्रॉन से बचा जा सकता है।
कोरोना गाइडलाइन का पालन न करने वालों को खतरा अधिक : मणींद्र अग्रवाल प्रोफेसर पद्मश्री मणींद्र अग्रवाल का दावा है कि, वैक्सीन न लगवाने वालों, गाइडलाइन का पालन न करने वालों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों के लिए कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का संक्रमण होने का खतरा अधिक है। अपने गणितीय मॉडल सूत्र के माध्यम से अध्ययन कर प्रो. मणींद्र ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और डेनमार्क जैसे देशों के आंकड़ों से पता चला है कि जिन देशों में नेचुरल इम्युनिटी है, उनमें अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है। कहा कि ब्रिटेन में नेचुरल इम्युनिटी कम है। इस वजह से वहां ओमिक्रॉन का असर अधिक है।