scriptExclusive: कहां हो गौरक्षकों! यहां हर दिन ‘कट’ रहे हैं दर्जनों गोवंश | Dozens progeny cut every day in hathyaran tirth Hardoi Uttar Pradesh | Patrika News
लखनऊ

Exclusive: कहां हो गौरक्षकों! यहां हर दिन ‘कट’ रहे हैं दर्जनों गोवंश

विहिप और भाजपा के सारे दावे फेल, अखिलेश से भी शिकायत- ‘बेटा इसलिए तो तुम्हें नहीं दिया था वोट’

लखनऊSep 02, 2016 / 02:51 pm

Hariom Dwivedi

hathyaran tirth

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हरिओम द्विवेदी
लखनऊ.
गोहत्या की सूचना भर से गौरक्षकों का खून खौल उठता है। किसी की भी जान लेने के उतारू हो जाते हैं। महिला या हो या पुरुष सभी को दंड देना कथित गौरक्षक अपना अधिकार समझते हैं। दादरी कांड और ऊना मामला इसका ताजा उदाहरण है। यह सब खुद को कट्टर हिंदूवादी दिखाने के लिए ही करते हैं। ऐसा हम नहीं यह खबर कह रही है। क्योंकि हरदोई जिले के इस गांव में रोजाना कई गायें तड़प-तड़प कर दम तोड़ रही हैं। जिंदा गायों को कौवे नोच-नोच कर खा रहे हैं। लेकिन वहां कभी कोई गोरक्षक क्यों नहीं पहुंचता? शायद इसलिए क्योंकि यह हिंदू बहुतायत क्षेत्र है, यहां वोट ध्रुवीकरण जैसा कोई मामला नहीं है?

लखनऊ से 65 किमी. दूर हरदोई जिले की कोथावां ब्लॉक में एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान हत्याहरण है। जहां रोजाना सैकड़ों तीर्थ यात्री दर्शन के लिए आते हैं। भादों के महीने में तो यहां दूर-दूर से हर रविवार को कई हजार श्रद्धालु आते हैं। लेकिन इसी स्थान पर रोजाना कई गोवंश धारदार तारों की जद में आकर ‘कट’ रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी प्रशासन की तरफ से इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के बड़े नेता, देश के कई राजनीतिक सभी दल गौरक्षा की बात करते हैं। लेकिन इस गांव में गायों की हालत को देखने के बाद सब हवा हवाई लगता है।

सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव भी कई बार खुद को बड़ा गौरक्षक बता चुके हैं। इतना ही नहीं आजम खां को गौरक्षा के लिए संत पुरस्कृत भी कर चुके हैं, उनकी पत्नी व राज्यसभा सांसद तंजीम फातिमा भी खुद को गौभक्त मानती हैं। इसके बावजूद अखिलेश सरकार में गायों की यह दुर्दशा सोचने पर मजबूर करती है।

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यहां रोजाना ‘कट’ जाते हैं गोवंश
हत्याहण तीर्थ क्षेत्र के आसपास सैकड़ों बीघे उपजाऊ जमीन बिना किसी फसल के बंजर पड़ी है। कारण है यहां छुट्टा घूम रहीं सैकड़ों गाय और हजारों बंदर। जब गाय दूध देना बंद कर देती हैं तो लोग अपनी गायों को यहां छोड़ जाते हैं, जो खेतों में फसलों को चर जाती हैं। अपनी फसलों को गायों से बचाने के लिए कुछ लोगों ने अपने खेतों के आप पास धारदार कटीले तार लगा रखे हैं, जिसमें फंसकर गाय कटती रहती हैं।

ग्रामीणों की अपील, गौ-भक्तों इधर भी आओ
क्षेत्र की ही ग्राम पंचायत पुरवा बाजीराव के रहने वाले पंकज सिंह चौहान (32) बताते हैं कि यहां धारदार तारों से कटकर रोजाना सैकड़ों गाय घायल हो रही हैं। इन्हें बचाने न तो कोई राजनीतिक दल आता है और न ही कथित गौ भक्त। वह आगे बताते हैं कि धारदार तारों से कटकर गायों के शरीर पर बड़ा घाव हो जाता है, जिसमें कीड़े पड़ जाते हैं। इसके बाद गाय कुछ भी खाना छोड़ देती है और धीरे-धीरे घुट-घुट कर मरने को मजबूर हैं।

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पंकज सिंह ने बताया कि गायों की दवाई के लिए वह कई बार कोथावां ब्लॉक में भी गये। लेकिन डॉक्टरों ने कोई दवाई न होने की बात कहकर सभी को वापस लौटा दिया। हालांकि हरदोई के जिलाधिकारी ने गायों के लिए दवा भिजवानी की बात कही, लेकिन अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया।

भैनगांव ग्राम सभा की मजरे गांव के रहने वाले संजय कुमार (33) कहते हैं कि उन्हें गायों को इस हालत में देखकर काफी दुख होता है। लेकिन वह कर भी क्या सकते हैं? सबसे कहने के बाद भी इन गायों की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता। उन्होंने बताया कि खेतों में गाय जाने पर कुछ दुष्ट प्रकृति के लोग उन्हें डंडों और धारदार हथियारों जैसे बल्लम, बांका आदि से भी हमला करते हैं।

‘बेटा अखिलेश, तुमको ई लिए तो वोट न दिहे रहन’
क्षेत्र के रहने वाले जुगलकिशोर (48) केंद्र और प्रदेश सरकार से गायों की दशा सुधारने की अपील करते हैं। वह मुख्यमंत्री तक अपना संदेश पहुंचाने के लिए मीडिया से गुजारिश करते हैं। अपने संदेश में वह कहते हैं, “भइया अखिलेश हम ई लिए तो तुमका वोट न दिहे रहन कि हमका रोज अइसन कुछ देखे का मिलिही। बेटा इन गायों को बचावे की खातिर कुछ तो करो। हियां जिंदा गाइन को रोज कौवे नोंच-नोंच कर खाय रहे हैं। तीर्थ स्थान पर बहुत पाप होइ रहा है भइया।”

देखा नहीं जाता गऊ माता का दर्द

ग्रामीणों के मुताबिक, उनसे गऊ माता का दर्द देखा नहीं जाता। इसलिए वो लोग मिलकर रोजाना गायों के घावों पर अपने पैसों से दवा लगाते हैं। उनकी मांग है कि यहां सरकार किसी गौशाले का प्रबंध करे या फिर गायों को यहां से ले जाये, ताकि उनकी ऐसी दुर्दशा होने से बच सके। साथ ही खाली पड़े खेतों फिर से फसल लहलहा सके।

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गौरक्षा पर माननीयों के बयान

साक्षी महाराज बोले
उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कर चुके हैं। साक्षी महाराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांस के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग भी कर चुके हैं।

गाय हमारी माता है: साध्वी प्राची
बीजेपी की फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची ने कहा कि पूरे देश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगना चाहिए और सभी राज्यों की सरकारों को इसका कड़ाई से पालन करना चाहिए। गाय हमारी माता है और गाय की हत्या देश के किसी भी कोने में हो, हम ये कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।

मुलायम खुद को मानते हैं सबसे बड़ा गौभक्त
एक कार्यक्रम के दौरान सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा था कि वे कम से कम एक गाय जरूर पालें क्योंकि उसका दूध सेहत के लिए अच्छा होता है। उन्होंने कहा कि हमारे गांव में हमारे पास अब भी 16 गायें हैं। गाय का दूध पीकर मैं पहलवान बन गया था और मैं अब भी तन्दुरुस्त हूं।

हम गाय की सेवा करने वाले लोग हैं: अखिलेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि भाजपा के लोगों के यहां गाय कहां है, गायें तो हमारे यहां मिलती हैं। हम गाय की सेवा करने वाले लोग हैं। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

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गाय पर बैन लगाने की बात कर चुके हैं आजम
यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर आजम खां ने कहा था कि गाय हमारे लिए भी सम्मानीय है। बाबर के जमाने में गाय को काटने पर बैन लगा हुआ था। हम यह नहीं चाहते हैं कि मैडम कुत्ते के साथ बिस्तर में सोएं और गाय ठंड में कांपती रहे या फिर कूड़े से पोलीथिन खाती रहे। हम तो कहते हैं कि मुर्गा बकरा सब खाना छोड़ दो।

आजम की पत्नी भी हैं गौभक्त
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आजम खान की पत्नी और राज्यसभा सदस्य तंजीम फातिमा लोगों से गौ, गंगा और भागवत गीता के विषयों पर ध्यान देने की अपील कर चुकी हैं। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की थी कि वह मथुरा जिले के गोवर्धन में एक गौशाला को 25 लाख रुपये दान करेंगी।

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रामदेव भी बोले थे

योगगुरु बाबा रामदेव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गोहत्या पर राष्ट्रव्यापी पाबंदी लगाने की अपील कर चुके हैं। इससे पहले भी वह गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की मांग कर चुके हैं।

गौरक्षकों पर भड़के पीएम मोदी

हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गौ रक्षकों की पड़ताल की जाए, तो इनमें से 80 प्रतिशत लोग ऐसे निकलेंगे, जो गोरक्षा की दुकान खोलकर बैठ गए हैं। ऐसे लोगों पर मुझे बहुत गुस्सा आता है। ये रात में अपराधी होते हैं और दिन में गौ रक्षक बन जाते हैं। उनके बयान पर हिंदू महासभा ने तीखी आपत्ति दर्ज कराई। कहा कि पीएम मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में गाय को गोमाता कहते हुए गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का वादा किया था, अब मुकर रहे हैं।

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प्रवीण तोगड़िया ने कहा
विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने मोदी सरकार को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार और बीजेपी के ‘गोभक्तों’ ने गायों की रक्षा का संकल्प लिया है। इसके तहत राज्यों में गौरक्षकों को परेशान न करने की अपील की।

इस पूरे मामले से स्पष्ट है कि यहां देश में गौमाता के नाम पर सिर्फ वोटों की राजनीति हो रही है। हकीकत में गायों की क्या हालत है किसी से कोई मतलब नहीं है। अगर सच में माननीय बयानों को लेकर प्रतिबद्ध होते तो निश्चित हत्याहरण में ही क्या, कहीं भी गाय की दुर्दशा नहीं होती है। उम्मीद है फेसबुक और ट्विटर पर गौ भक्ति दिखाने वाले जमीनी हकीकत से रूबरू होंगे और थोड़ी बहुत सेवा करने के लिए प्रेरित होंगे। इसके अलावा देश भर के उन एनजीओ के कानों भी यह पड़ेगी जो गोरक्षा के नाम पर अपनी दुकानदारी चला रहे हैं।

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