सीएम आवास के निकट मिला है मंत्री नंदी को बँगला मुख्यमंत्री आवास के निकट स्थित 6 कालिदास मार्ग पर बना सरकारी बंगला उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल नंदी को आवंटित किया गया है। मंत्री को यह बँगला आवंटित हुए काफी समय बीत चुका है लेकिन अभी वे इसमें रहने नहीं पहुंचे हैं। उनके यहाँ अब तक शिफ्ट नहीं होने का कारण जानने पत्रिका टीम बंगले पर पहुंची और यह पता लगाने की कोशिश की कि आखिरकार मंत्री यहाँ अभी तक रहने क्यों नहीं आये हैं।
बंगले पर चल रहा है काम पत्रिका टीम को 6 कालिदास मार्ग स्थित बंगले पर पहुंची तो बंगले के भीतर मंत्री या उनके विभाग का कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी मौजूद नहीं दिखा। बंगले पर एक ठेकेदार और कुछ मजदूर काम करते दिखे। जब पत्रिका संवाददाता ने मंत्री से मिलने की इच्छा जताई तो कर्मचारियों ने मंत्री के लोकेशन से खुद को अनजान बताया और जानकारी दी कि अभी मंत्री बंगले में नहीं रहते क्योंकि यहाँ काम चल रहा है।
पर्दे, लाइटिंग, फर्नीचर सब में हो रहा बदलाव जब पत्रिका टीम ने बंगले में हो रहे कामों के बारे में जानना चाहा तो काम कर रहे लोगों ने बताया कि किचन से लेकर बेडरूम, बाथरूम, गेस्टरूम, डाइनिंग हाल सबमे नए सोफे और फर्नीचर लगाए जा रहे है। नई सजावट से बंगले को भीतरी तौर पर नया लुक देने की कोशिश की जा रही है। किचन में भी कई सामान बदलकर नये सामान लगाए जाते दिखे। पर्दों से लेकर लाइटिंग तक सब कुछ बदलने का काम जारी है।
सीएम ने फिजूलखर्ची रोकने के दिए थे निर्देश दरअसल पत्रिका टीम ने बंगले की सजावट और इस पर होने वाले खर्चे का जायजा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के बाद लिया जिसमें उन्होंने कहा था कि मंत्री अपने सरकारी बंगलों की सजावट पर फ़िजूखर्ची न करें लेकिन यहाँ तो लम्बे समय से चल रहे काम के बाद यह अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है कि सजावट का काम कब खत्म होगा और मंत्री कब अपने सरकारी बंगले में रहने पहुंचेंगे।
विभाग नहीं, मंत्री के खर्चे पर हो रहा है काम पत्रिका टीम ने इस बारे में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी से बात करने की कोशिश की। उनसे फोन पर बात करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो सका। पत्रिका टीम ने इस सम्बन्ध में राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला से बात की तो उन्होंने बताया कि किसी को भी बँगला आवंटित होने के बाद उसमें सरकारी नियमों के मुताबिक जरूरी परिवर्तन या काम कराये जाते हैं। वर्तमान में जो काम बंगले पर कराये जा रहे हैं, उससे उनके विभाग का कोई सम्बन्ध नहीं है।
अपशकुनी माना जाता है 6 कालिदास मार्ग का बंगला मुख्यमंत्री आवास के निकट इस बंगले को अपशकुनी बँगला या भुतहा बँगला के नाम से भी जाना जाता है। बहुत समय तक तो कई मंत्री इस बंगले में रहने तक से बचने की कोशिश करते रहे हैं। योगी सरकार में यह बँगला इससे पहले प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को आवंटित किया गया था। राजनीति और सत्ता के गलियारों में यह चर्चा रहती है कि इस बंगले में रहने वाले व्यक्ति पर संकट का साया आ जाता है। मुलायम सिंह सरकार के दौरान मुख्य सचिव नीरा यादव उसके बाद आई ए एस अफसर प्रदीप शुक्ला, बाबू सिंह कुशवाहा, वकार अहमद शाह और जावेद आब्दी जैसे लोगों को यह बँगला आवंटित हुआ है। बताया जाता है कि सभी को किसी न किसी तरह का नुकसान हुआ जिसके बाद यह बंगला अपशकुनी माना जाने लगा। अब देखना है कि बंगले में चल रही भव्य सजावट के बाद मंत्री कब यहाँ रहने पहुंचते हैं।
अन्य मंत्री भी होड़ में बंगले सजाने और उनमें बेहतरीन नक्काशी कराने की दौड़ में 6 कालिदास मार्ग स्थित बँगला तो एक बानगी भर है। यूपी के कई मंत्री इस दौड़ में शामिल हैं और अपने बंगलों को भव्य और आकर्षक सजावट से खूबसूरत बनाने में जुटे हैं। प्रदेश के सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह का बँगला भी सजावट की इस होड़ में शामिल है। बताया जा रहा है कि काफी समय से इस बंगले की सजावट का काम जारी है और इस पर काफी रूपये भी खर्च किये जा चुके हैं।