कैसे हुआ मामला शुरू?
पूर्व न्यायिक अधिकारी की बेटी, जो फिलहाल एलएलएम की पढ़ाई कर रही है, को 2020 में एक व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा। उसने खुद को “दीपक कुमार” नाम का IAS अधिकारी बताया, जो हरियाणा से बीटेक करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा पास कर चुका था। उसने फर्जी दस्तावेज़ और प्रशिक्षण वीडियो भेजकर पीड़िता का विश्वास जीतने की कोशिश की। फर्जी IAS की असलियत कैसे उजागर हुई?
जांच में पता चला कि दीपक वास्तव में दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है। उसने पहले भी कई महिलाओं को ठगने के लिए इस तरह के फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया था। जब पीड़िता ने शादी से इनकार किया, तो उसने पीड़िता और उसके परिवार को धमकी देना शुरू कर दिया। आरोपी ने पीड़िता के मोबाइल नंबर से उसकी सहेलियों और रिश्तेदारों को अश्लील सामग्री भेजी। उसकी हरकतों से पीड़िता का परिवार मानसिक तनाव में आ गया। परिवार का कहना है कि इन्हीं तनावों के कारण पीड़िता के पिता का निधन हुआ
परिवार ने दर्ज कराई शिकायत
पीड़िता की मां ने चिनहट थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि दीपक बेटी का अपहरण कर जबरन शादी करने की धमकी दे रहा था। इसके अलावा, उसने संपत्ति हड़पने की भी योजना बनाई थी। चिनहट थाना प्रभारी भरत पाठक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
आरोपी का तरीका: साइबर क्राइम और ब्लैकमेलिंग
दीपक कुमार ने पीड़िता का मोबाइल नंबर हैक कर, उसकी तस्वीरें और अन्य निजी जानकारियों का इस्तेमाल किया। उसने इन्हें एडिट कर अश्लील सामग्री के रूप में सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी। इससे न केवल पीड़िता, बल्कि उसका परिवार भी मानसिक यातना झेलने पर मजबूर हुआ। साइबर अपराध विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक गंभीर मामला है, जहां तकनीकी साधनों का दुरुपयोग कर महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। क्या कहती है पुलिस?
पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए साइबर टीम को लगाया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने पहले भी कई महिलाओं को शादी का झांसा देकर ठगा था
साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाएं
यह मामला देश में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं का एक उदाहरण है। फर्जी पहचान और तकनीकी साधनों का दुरुपयोग करके महिलाओं को ब्लैकमेल करने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस तरह के मामलों में कड़ी सजा और प्रभावी साइबर सुरक्षा तंत्र की जरूरत है।
पीड़िता का बयान
पीड़िता ने कहा कि वह आरोपी को कभी नहीं मिली, न ही उसके साथ किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत संबंध था। फिर भी आरोपी ने उसकी जिंदगी को दुश्वार बना दिया। पीड़िता ने अन्य महिलाओं को भी सतर्क रहने की सलाह दी है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करने की अपील की है। यह मामला समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। साइबर क्राइम और फर्जीवाड़े से निपटने के लिए जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और किसी भी अनजान व्यक्ति से निजी जानकारी साझा न करें। पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेंसियों को भी ऐसे मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करनी होगी।