प्रदेश में आम जनता की समस्याओं और उनके समाधान से सीधे जुड़े कार्यालयों की कार्यप्रणाली अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रडार पर है। मुख्यमंत्री तक लगातार शिकायते पहुंच रही थी कि कर्मचारी और अफसर ठीक से काम नहीं कर रहे है।
जनता दरबार में लगातार बढ़ती भीड़ को देखकर मुख्यमंत्री नाराज बताए जा रहे है। वह पिछले कई महीनों से लगातार कार्य प्रणाली को सुधारने के लिए दिशा निर्देश देते रहे है। लेकिन इस बार उन्होंने अपने निर्देश में साफ तौर पर कहा है कि तहसील, ब्लॉक और थानों की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई नहीं दिया तो ऊपर से नीचे तक के सभी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने अपने निर्देश में कहा है कि मुख्यालयों पर संबद्ध कर्मचारियों को तुरंत फील्ड ड्यूटी पर भेजा जाए। प्रदेश, मंडल और जिलों के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि तहसील, ब्लॉक और थानों पर नियमित जनसुनवाई कराई जाए। इसके लिए एक स्पष्ट कार्ययोजना तैयार की जाए और मेरिट के आधार पर समस्याओं का निस्तारण कराया जाए।
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लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों की जवाबदेही तय होमुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि कई बार सुनवाई न होने से कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विकट स्थिति पैदा हो जाती है। तहसील, ब्लॉक और थाना स्तर के कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो और लापरवाही बरतने वालों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए। डीएम और कप्तान अपने क्षेत्र के विकास का एजेंडा करें। वहीं, सभी जिलों में तहसील, ब्लॉक और थाना स्तर पर प्रतिदिन कम से कम एक घंटे की सुनवाई अवश्य की जाए। जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान जन समस्याओं के निस्तारण को लेकर ह4र हफ्ते समीक्षा करें।