ये भी पढ़ें- मध्यप्रदेश मतगणना में फंस रहे पेंच को देखते हुए राहुल गांधी का मास्टर स्ट्रोक, सपा-बसपा गठबंधन पर कही यह बात सीएम योगी रहे स्टार प्रचारक- चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की बतौर स्टार प्रचारक पेश करने की डिमांड शुरू से ही रही। 5 में से चार राज्यों में उनकी सभी रैलियों में उनके विवादित बयान ज्यादा चर्चा में रहे। वे 20 से 25 दिनों तक यूपी से बाहर रहकर राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से लेकर तेलंगाना तक कैंपेन करते दिखे, लेकिन अधिकतर अपने चुनावी भाषणों से वे कई दफा विवाद पैदा करते दिखे। एक महिने में उन्होंने छत्तीसगढ़ में 6, मध्य प्रदेश में 9 और राजस्थान में 11 चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कुल 26 रैलियों में हिस्सा लिया। माना जा रहा था कि सीएम योगी चुनाव में भाजपा के लिए ध्रुवीकरण की कोशिशों में जुटे हैं। माना जा रहा था कि इसका वोटों के लिहाज से भाजपा को फायदा मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। नतीजे देख यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने जहां-जहां पार्टी के लिए कैंपेन किया उन सभी जगह भाजपा को हार मिली।
ये भी पढ़ें- मध्यप्रदेश चुनाव मतगणना से अखिलेश यादव के लिए आई बहुत खुशखबरी, इन सीटों पर सपा प्रत्याशियों को मिली बढ़त यूं दिए विवादित बयान- तेलंगाना में उनके चुनावी प्रचार के दौरान भाषण को याद किया जाए तो उन्होंने यूपी में फैजाबाद, इलाहाबाद की तर्ज पर सरकार बनने के बाद वहां के जिलों के नाम भी बदलने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने कहा था कि यदि भाजपा ने तेलंगाना में सरकार बनाई तो वह लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए हैदराबाद का नाम ‘भाग्यनगर’ और करीमनगर जिले का नाम ‘करीपुरम’ करेगी। इस पर भी विवाद पैदा हुआ.
औवैसी को हैदराबाद छोड़कर भागना पड़ेगा- यही नहीं उन्होंने तेलंगाना में भाजपा की सरकार बनने पर यह तक कह दिया था कि असदुद्दीन ओवैसी को हैदराबाद छोड़कर भागना पड़ेगा। इससे पहले मध्य प्रदेश के भोपाल में एक रैली को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने एमपी कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ के कथित ‘मुस्लिम वोट’ वाले बयान पर चुटकी ली थी और कहा था कि कांग्रेस को केवल मुस्लिम वोटों की जरूरत है. कमलनाथ जी आप अपना अली रखिए, हमारे लिए बजरंग बली काफी है।
बजरंग बली वाले बयान को कौन भूल सकता है- सीएम योगी के बजरंगी बली को जाति में बांटने वाला बयान कौन भूल सकता है। यह राजस्थान में हुआ जहां चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बजरंग बली को कथित तौर पर दलित बता दिया था, जिसके बाद जो हंगामा हुआ उससे सब वाकिफ हैं। नौबत यह आ गई कि अब दलित हनुमान मंदिरों में कब्जे करने में लग गए हैैं।