उत्तर प्रदेश सरकार दर्जन भर से ज्यादा देशों के राजदूतों व उच्चायुक्तों के जरिए विदेशी निवेशकों से संपर्क कर निवेश के लिए प्रेरित कर चुकी है। यह कंपनियां लॉजिस्टिक, इंडस्ट्रियल व आईटी पार्क, डाटा सेंटर, फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्रों पर खास फोकस कर रही हैं। खाद्य व प्रसंस्करण के क्षेत्र में ब्रिटानिया 300 करोड़ रुपए की लागत से लखनऊ के निकट बाराबंकी या हरदोई में निवेश करना चाहता है। कैपिटल फूड 100 करोड़ व बालाजी वाफेरर्स 175 करोड़ रुपए की लागत से लखनऊ के नजदीक प्लांट लगाना चाहता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना काल में सरकार ने नए निवेशकों को तुरंत सहयोग के लिए राज्य में हेल्पडेस्क बनाने व निवेशकों से सहयोग समन्वय करने के निर्देश दिए। कई विदेशी कंपनियों ने खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य पालन, डेयरी, आईटी व अन्य क्षेत्रों में निवेश के प्रस्ताव भेजे हैं। पिछले साढ़े तीन साल में 152 निवेश परियोजनाओं में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है। यह निवेश परियोजनाएं 49,147 करोड़ रुपए की हैं। जापानी कंपनियों के निवेश प्रस्ताव मत्स्य पालन, सोलर पार्क, एग्रो पार्क आदि क्षेत्रों के लिए भी आ रहे हैं।
ये देश इन क्षेत्रों में करना चाहते हैं निवेश
1. जापान याजाकी कार्प इंजेक्शन मोल्डिंग फैसिलिटी के क्षेत्र में 2000 करोड़ रुपए के निवेश की तैयारी कर रहा है। इसके लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा को चुना गया है। इसके अलावा जापान की कंपनी मियाची कार्प भी यूपी में निवेश की योजना बना रही है।
2. जर्मनी वान वैलिक्स 25 करोड़ की लागत से फुटवियर निर्माण केंद्र खोलना चाहता है। इसके लिए उसने आगरा को चुना है।
3. यूके ने एबी मौरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 375 करोड़ से मध्यांचल में बेकरी प्लांट लगाने की योजना बनाई है।
4. दक्षिण कोरिया एडीसन मोटर्स चार करोड़ के निवेश तीन चरणों में करना चाहता है। वह यूपी में इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण संयंत्र लगाने को इच्छुक है।