त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 30 अप्रैल तक पूरा करने का आदेश, चार पदों के लिए एक साथ डाले जाएंगे वोट
लखनऊ. यूपी पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने सख्त रुख अपनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से त्रिस्तरीय चुनाव को 30 अप्रैल तक चुनाव प्रक्रिया पूरी कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को 17 मार्च तक सीटों का आरक्षण भी पूरा करने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमएन भंडारी व न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने विनोद उपाध्याय की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को विनोद उपाध्याय की याचिका पर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तिथि निर्धारित कर दी है। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-243 के तहत 13 जनवरी कार्यकाल समाप्त होने के पहले चुनाव करा लेना चाहिए था। कोर्ट ने आयोग व राज्य सरकार को समय देने की मांग अस्वीकार करते हुए 30 अप्रैल तक चुनाव कराने का निर्देश दिया है।
वैसे तो पंचायत चुनाव पिछले वर्ष 25 दिसंबर तक हो जाने चाहिए थे लेकिन कोरोना के कारण टले चुनाव का आसार अब ज्यादा टलता नहीं दिख रहा। गुरुवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद चुनाव प्रक्रिया में और ज्यादा देर करने की गुंजाइश नहीं दिख रही। आयोग को अब क्योंकि 30 अप्रैल तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी ही करनी है, इसलिए वह 60 दिन के बजाय 42 से 45 दिनों में चुनाव कराने का कार्यक्रम बनाने की दिशा में काम करने लगा है।
चार पदों के लिए एक साथ डाले जाएंगे वोट हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल तक ग्राम प्रधान की चुनाव प्रक्रिया पूरी कराने के साथ ही क्षेत्र पंचायत चुनाव की कार्रवाई 15 मई तक पूरी करने का आदेश दिया है। बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग वर्ष 2000 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 37 दिनों में ही करा चुका है। वर्ष 2005 में दो राउंड में चुनाव कराए गए थे। पहला राउंड 41 दिन व दूसरा 33 दिनों का रहा था। इसी तरह वर्ष 2010 में 45 दिनों के एक ही राउंड में पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी की गई थी। वर्ष 2015 में दो राउंड में हुए चुनाव में पहला राउंड 42 दिनों का व दूसरा 37 दिनों का रहा था। इन सभी में चुनाव प्रक्रिया 45 दिनों में ही पूरी कर ली गई थी। इस बार ज्यादा विलंब होते देख हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल तक चुनाव कराने की बात कही है। इसके लिए आयोग चारों पदों के लिए एक साथ चार चरणों में चुनाव कराने की तैयारी में जुटा है। यानी प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के लिए एक साथ वोट डाले जाएंगे।