प्रॉपर्टी डीलर ने बनाई फर्जी वसीयत
महंत गोविंद दास की हत्या के बाद आरोपी आश्रम को बेचने की फिराक में थे। इस दरमियान शातिर आरोपियों ने बाद गोपाल सिंह को योगी रामगोपाल नाथ नाम देकर आश्रम की गद्दी पर बैठा दिया। वहीं दूसरी ओर संजीव त्यागी प्रॉपर्टी डीलर है, जिसकी मदद से संत के फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी वसीयतनामा तैयार किया गया। आश्रम को दस करोड़ में बेचने की तैयारी थी। ऐन मौके पर उनका भांडा फूंट पड़ा। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि दो लोग फरार चल रहे हैं।
नशे का इंजेक्शन लगाकर किया बेहोश
अशोक ने ललित, संजीव, गोपाल के साथ ही वेस्ट यूपी के ही सौरभ और प्रदीप से मिलकर महंत की हत्या की साजिश रची। इसी साल एक जून को आरोपियों ने नशे का इंजेक्शन लगाकर महंत को बेहोश किया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी। शव को स्कूटर पर ले जाकर लक्सर मार्ग पर गंगा की मुख्य धारा में फेंक दिया। सौरभ और प्रदीप के अलावा बाकी चारों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। ये भी पढ़ें:-
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हत्या के बाद फर्जी बाबा राम गोपाल नाथ को पैसों का लालच देकर आश्रम की निगरानी के लिए बुलाया। महंत गोविंददास के बारे में पूछने पर धर्म प्रचार के लिए अयोध्या जाने की बात कहकर वह लोगों को टरकाते रहा। महेंद्र को ठिकाने लगाने के बाद आरोपियों ने आश्रम को बेचने की रणनीति तय की प्रॉपर्टी डीलर संजीव त्यागी से मिलकर मेहनत किया बिल्कुल वैसे ही हस्ताक्षर कर्जी वसीयतनामा तैयार किया और करीब 10 करोड़ में संपत्ति को बेचने की डील की गई।