मामूली बीमारियों से ग्रसित रोगियों को कर दिया जाता है रेफर
प्रदेश के 45 जिलों में राजकीय अथवा स्वशासी मेडिकल कॉलेज समूचे संसाधन के साथ चल रहे हैं, जबकि कुल जिलों में अभी ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं शुरू की गई हैं। इसके बाद भी मामूली बीमारियों से ग्रसित मरीजों को केजीएमयू पीजीआई, लोहिया संस्थान जैसे चिकित्सा संस्थानों में रेफर कर दिया जाता है।
सर्वे में हैरान करने वाली बात आई सामने
ट्रामा सर्जरी और इमरजेंसी चिकित्सकों की ओर से कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि मामूली बीमारियों और ट्रामा के केस में मरीजों के रेफर करने से कई तरह की समस्या बढ़ती है। एक तरफ चिकित्सा संस्थानों में गंभीर मरीजों पर लगने वाला मैन पॉवर सामान्य मरीजों में उलझ जाता है तो दूसरी तरफ मरीज को घंटों सफर करना पड़ता है, जबकि ऐसे मरीजों को आसपास के मेडिकल कॉलेजों में उपचार दिया जा सकता है।
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने नोएडा के लोगों पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- पटाखे फोड़ कर मेरे कुत्ते की हत्या कर दी गई विस्तार से लिखना होगा इलाज का पूरा विवरण
रेफर करते वक्त दिए गए इलाज का पूरा विवरण और किस तरह की सुविधा की जरूरत है, इसे विस्तार से लिखना होगा। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशालय और सचिव चिकित्सा शिक्षा के स्तर पर हर 15 दिन में रेफर होने वाले मरीजों की समीक्षा भी की जाएगी। जिन अस्पतालों में संसाधनों की कमी होगी, वहां की इमरजेंसी में संसाधन बढ़वाए जाएंगे।