scriptGanga Expressway: आसान होगी मेरठ से प्रयागराज तक गंगा की सैर, क्रूज जैसा मिलेगा मजा | 594 Km Long Ganga Expressway Approved by Cabinet Prayagraj to Meerut | Patrika News
लखनऊ

Ganga Expressway: आसान होगी मेरठ से प्रयागराज तक गंगा की सैर, क्रूज जैसा मिलेगा मजा

गंगा एक्सप्रेस वे पर खर्च होंगे 36 हजार करोड़, 12 शहरों को जोड़ेगा
मेरठ से प्रयागराज के बीच 594 किमी का सफर होगा आसान

लखनऊNov 26, 2020 / 06:46 pm

रफतउद्दीन फरीद

ganga expressway

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी के तीसरे सबसे बड़े एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दे दी है। 594 किलोमीटर लम्बा यह गंगा एक्स्प्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। इसके बनाने में करीब 36,402 करोड़ रुपये खर्च होेने का अनुमान है। बन जाने के बाद हरिद्वार से प्रयागराज होते हुए फुल स्पीड में वाराणसी तक आना-जाना बेहद आसान हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे गंगा नदी के साथ-साथ चलेगा, जो मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) के बिजौली गांव से शुरू होकर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 प्रयागराज बाईपास पर जुदापुर दांदू गांव के पास मिलेगा। इस परियोजना की नोडल एजेंसी यूपीडा तय की गई है।


इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद मेरठ से लेकर प्रयागराज तक का सफर बेहद सुगम हो जाएगा। इससे न सिर्फ कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि जिन जिलों से होकर गुजरेगा वहां रोजगार के मौके पैदा होंगे और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा हल्दिया से वाराणसी जलमार्ग से आने वाले सामान भी प्रयागराज से होते हुए बेहद तेज गति से दिल्ली व दूसरे प्रदेशों तक भेजे जा सकेंगे।

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मेरठ से शुरू होने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव व रायबरेली होते हुए प्रयागराज तक जाएगा। योगी सरकार की बेहद महत्वकांक्षी और प्राथमिकता में शामिल इस परियोजना का ऐलान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 के कुंभ मेले के दौरान किया था। उसके बाद से ही ‘यूपीडा’ इसका खाका खींचने में जुट गया था। अब इसे कैबिनेट द्वारा सैद्घान्तिक मंजूरी मिल जाने के बाद जल्द ही इसके लिये जमीनों का अधिग्रहण शुरू हो जाएगा।


गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में खर्च होने वाले भारी भरकम बजट के लिये भी इंतजाम किया गया है। जमीनें खरीदने के लिये वार्षिक बजट होगा तो ‘हडको’ से ऋण लिया जाएगा। इसके लिये प्रस्तावित प्रक्रिया को भी मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा परियोजना पर आने वाले खर्च के लिये सभी विकल्प खुले रखे गए हैं। ‘आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे’ से मिलने वाली धनराशि को राजकोष में जमा होगी। इसके बाद गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिये धनराशि का आहरण बजट के जरिये किया जाएगा। पीपीपी टोल माॅडल के जरिये निवेशक भी तलाश किये जाएंगे। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विकल्प वाले प्रस्ताव को भी अनुमोदन मिल गया है। पीपीपी मोड में किसी प्रकार की अड़चन आने की स्थिति में दूसरे विकल्पों पर विचार होगा। इसके वित्तीय सलाहकार के रूप में एसबीआई कैपिटल्स मार्केट लिमिटेड को नामांकन के आधार पर चयनित करने की स्वीकृति मिली है।


कहां कितना लंबा होगा गंगा एक्सप्रेसवे

हापुड़- 33 किलोमीटर

बुलंदशहर- 11 किलोमीटर

अमरोहा- 26 किलोमीटर

संभल- 39 किलोमीटर

बदायूं- 92 किलोमीटर

हरदोई- 99 किलोमीटर

उन्नव- 105 किलोमीटर

रायबरेली- 77 किलोमीटर

प्रतापगढ़- 41 किलोमीटर

प्रयागराज- 16 किलोमीटर


ये हैं यूपी के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे


पूर्वांचल एक्सप्रेसवेः यह आठ लेन का एक्सप्रेस वे हाईवे है, इसकी लंबाई 340 किलोमीटर है। इसके बन जाने के बाद यह गाजीपुर के हैदरिया से लखनऊ के चांद सराय तक है। लखनऊ और आगरा के रास्ते गाजीपुर से दिल्ली का सफर महज 9 घंटे में किया जा सकेगा।


आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवेः 302 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे आगरा को लखनऊ से जोड़ता है। इसपर मिराज 2000 को की भी लैंडिंग कराई जा चुकी है।

 

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवेः 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट से होगा शुरू और बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन होते हुए इटावा के कुदरौल गांव के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे में मिलेगा।

 

यमुना एक्सप्रेसवेः छह लेन वाला यमुना एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा से आगरा को जोड़ता है। इसकी लंबाई 165.5 किलोमीटर है

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