दरअसल, उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम रद कर बुधवार को देहरादून में आपात समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से आग रोकने के अब तक किए गए उपायों के बारे में सवाल-जवाब किए। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सीएम धामी ने सख्त रुख दिखाते हुए लापरवाही बरतने पर एक्शन लेने और आग लगाने वाले अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने ताकीद किया कि वनाग्नि पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए सभी सचिवों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाए।
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उन्होंने कहा कि सभी सचिव वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। फायर लाइन बनाने की कार्रवाई में उन्होंने जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करने का सुझाव दिया। रुद्रप्रयाग में वह फायर लाइन बनाने के अभियान में शामिल हुए। बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु समेत विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।
इन कर्मचारियों पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गिराई गाज
सीएम पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग, गोपेश्वर के वन दरोगा मनोज उनियाल, नैनीताल प्रभाग के वन दरोगा बद्री सिंह चिलवाल, केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के वन दरोगा हरीश सिंह मेहरा, सिविल सोयम अल्मोड़ के वन दरोगा प्रहलाद सिंह गोनिया, लैंसडौन प्रभाग के वन आरक्षी रवींद्र सिंह और विनय कुमार छिंद्रे, चंपावत वन प्रभाग के आरक्षी कृपाल गिरी गोस्वामी और शंकर सिंह, उत्तरकाशी वन प्रभाग के आरक्षी सूरत सिंह रावत, वाहन चालक, टिहरी वन प्रभाग के प्रमोद कुमार रतूड़ी सहायक कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया। यह भी पढ़ेंः
मुरादाबाद में पूर्व विधायक की बेटी से रेप, अश्लील फोटो और वीडियो के नाम पर 6 करोड़ वसूले जबकि लैंसडौन वन प्रभाग के वन रेंजर विपिन चंद्र जोशी और केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के रेंजर प्रदीप कुमार गौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा अल्मोड़ा वन प्रभाग के रेंजर गोपाल दत्त जोशी वन दरोगा पूरनचंद्र आर्या और संदीप सूठा, तराई पूर्वी वन प्रभाग के आरक्षी महेश चंद्र आर्या और सिविल सोयम अल्मोड़ा नरेंद्र सिंह बिष्ट को मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है।