31,044 आपराधिक मामलों का हो चुका निपटारा न्यायालय से कहा गया है कि लंबित मामलों से निपटने के कदमों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा कि 2000 से अब तक 31,044 आपराधिक अपीलों का निपटारा किया जा चुका है। कोर्ट के सामने 102 पेज का दस्तावेज प्रस्तुत किया गया जिसमें चार समितियों के बारे में बताया गया। यह भी जानकारी दी गई कि 14 जुलाई, 2014 से प्रभावी रोस्टर के अनुसार, उन आपराधिक अपीलों की सुनवाई को प्राथमिकता दी जाती है, जहां आरोपी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए के मद्देनजर आधे से अधिक सजा काट ली है और आरोपी जेल में है। इसके अलावा हत्या, बलात्कार, डकैती और अपहरण से संबंधित मामलों की सुनवाई को भी प्राथमिकता दी जाती है।
एक साल में 139 कर्मचारी घूस लेते हुए गिरफ्तार प्रदेश में एक साल में 139 कर्मचारी घूस लेते गिरफ्तार किए गए हैं। राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक संगठन (एसीओ) ने इस साल जनवरी से अब तक 139 अराजपत्रित अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने कहा कि एसीओ द्वारा की गई कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों को सिस्टम से बाहर करने के अलावा संदेश दिया जा रहा है कि भ्रष्टाचार को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, हम किसी भी स्तर पर व्यवस्था में भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे।
रंगे हाथ पकड़े गए कई अधिकारी डीजीपी ने गिरफ्तारी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को वजह बताया। गोयल ने कहा कि पिछले साल भी एसीओ ने भ्रष्ट आचरण के लिए 175 सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।रिकॉर्ड के अनुसार, भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के अधिकारियों ने जनवरी से अब तक 20 जाल बिछाए और अधिकारियों को रंगे हाथ पकड़ा। गिरफ्तार लोगों में शिक्षा, जिला प्रशासन, नगर निगम आदि सहित अन्य सरकारी विभागों के दो पुलिस कर्मी और 18 कर्मचारी शामिल थे।
‘एंटी ब्राइब्री हेल्पलाइन’ का गठन पुलिस अधीक्षक, एसीओ, राजीव मेहरोत्रा ने कहा, “भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 105 अधिकारियों और अन्य विविध आरोपों के तहत 13 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 20 को रंगे हाथों पकड़ा गया।” उन्होंने बताया कि मंगलवार को भी सुल्तानपुर जिले के कोतवाली क्षेत्र में आपराधिक धमकी का मामला दर्ज कराने वाले एक शिकायतकर्ता से 10,000 रुपये की रिश्वत की मांग करते हुए एक सब-इंस्पेक्टर दिनेश यादव को रंगे हाथ पकड़ा। भ्रष्टाचार नीति के खात्मे के लिए ‘एंटी ब्राइब्री हेल्पलाइन’ का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस हेल्पलाइन नंबर पर भ्रष्टाचार से जुड़ी जानकारी दी जा सकती है।