एग्जीबिशन के बारे में जानकारी देते हुए साउथ इंडिया की ऑस्ट्रेलियन कौंसल जनरल सारा किर्लियु (Sarah Kirlew) ने कहा,’ हम उम्मीद करते हैं कि जर्राचरा एग्जीबिशन से लोगों को ऑस्ट्रेलिया के फर्स्ट नेशंस की विविध, मजबूत और जीवंत कल्चर्स के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही लोगों को इस बात या यकीन भी होगा की मॉडर्न ऑस्ट्रेलिया फर्स्ट नेशंस के साथ खड़ा है और इनका प्रतिनिधित्व करता है।’
इंडिया के रिच कल्चर को ऑस्ट्रेलिया के दिलकश डिजाइंस से जोड़ते हुए यहां उन वूडलॉक्स को डिस्प्ले किया गया है जो 2023 की शुरुआत में बब्बर महिला केंद्र (Babbarra Women’s Centre) के कलाकारों ने बेंगलुरु में थरंगिनी स्टूडियो (Tharangini studio) के सहयोग से तैयार किये थे। यह नए टेक्सटाइल्स टरकॉकटा इंडियन वुड ब्लॉक कार्विंग और स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई डिजाइन के साथ प्रिंटिंग से तैयार किये गए हैं। एग्जीबिशन में शोकेस किये गए टेक्सटाइल्स में एक अनोखी इंडियन सिल्क साड़ी शामिल है जिस पर ऑस्ट्रेलियाई डिजाइन प्रिंटेड है। गौरतलब है की यह डिजाइन ट्रेडिशनल इंडियन वुडब्लॉक से तैयार किया गया है।
इन आर्ट वर्क्स के थीम नेचर के इर्द गिर्द घूमते हैं जिनमे नदियों, जानवर और पेड़ पौधे शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया में करीब 500 सेअधिक फर्स्ट नेशंस हैं जिनमे आर्ट के अनेक स्टाइल्स, मेडियम्स और आर्टिस्टिक हेरिटेज है। केवल अर्नहेम लैंड में ही जिस रीजन से जर्राचारा (Jarracharra) का आर्ट है, वहां 100 से अधिक कबीले (clan) और 12 अलग-अलग भाषा समूह (district language) हैं।इस एग्जीबिशन का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया की लोकल आर्ट और कल्चर को शोकेस करना और फर्स्ट नेशंस के लोगों को और उनके आर्ट को प्रोत्साहन देना है।