ऐसा करने की सोचने पर लोगों ने शुरू में उनका मजाक भी उड़ाया और कहा कि यह अंसभव है। लेकिन हर बार लोगों के हतोत्साहित करने के बाद भी उनका यह निर्णय और मजबूत होता गया। लोगों ने कहा कि आज तक ऐसा किसी ने भी नहीं किया। लेकिन एमी ने इसके लिए एक साल पहले से योजना बनानी शुरू कर दी। एमी ने कहा कि माइक्रोचिप कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी जानवरों और पालतुओं पर निगरानी रखने के लिए इनका उपयोग किया जाता रहा है। डिलिवरी को ट्रैक को करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है। वहीं कुछ कंपनी और लोगों ने भी अपनी सेहत, अपने आस-पास मौजूद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को नियंत्रित करने और एस्थेटिक उपकरणों के लिए भी चिप का उपयोग किया है।
स्वेडिश कंपनी बायोहैक्स इंटरनेशनल ने भी साल भर पहले अपने कर्मचारियों की कलाई में माइक्रोचिप लगाई थी ताकि वे बिना टिकट खरीदें इसका इस्तेमाल कर ट्रेन से आ-जा सकें। जिम, अपार्टमेंट, लाइट्स और ऐसी ही अन्य सेवाओं का उपयोग पूरे नियंत्रण के साथ कर सकें जिससे कंपनी की साझेदारी है।
एमी ने अपने बांए हाथ में पहले ही आरएफआईडी, चिप प्रत्योरोपित करवा रखा है जो उन्हें उनके पर्सनल कम्प्यूटर, घर का मुख्य दरवाजा और घर के कुछ इलेक्ट्रिक उपकरणों को उपयोग करने में मदद करते हैं। उनकी कार की वैलेट की प्रत्योरोपित की है। आरएफआईडी चिप रेडियो फ्रीक्वेंसी तरंगों का उपयोग कर सूचनाएं प्रेषित करती है। कार की वैलेट की के लिए डन्हें अपने दूसरे हाथ में इसे लगवाना पड़ेगा। कई जांचों के बाद उन्होंने क्रेडिट कार्ड जैसे दिखने वाले प्लास्टिक के वैलेट की से चिप को अलग करवाकर अपने हाथ में प्रत्योरोपित करवाने की सोची।
लेकिन डॉक्टर्स ने भी इस काम को करने से मना कर दिया क्योंकि उन्हें डर था कि इससे उनका लाइसेंंस रद्द किया जा सकता है। इसके बाद एमी ने एक टैटू विशेषज्ञ से संपर्क किया जो बॉडी मोडिफिकेशन में माहिर था। उसने कार की चिप को एक खास सूई के जरिए उनके दांए हाथ के नीचे प्रत्योरोपित कर दिया। अब एमी अपनी कार को इस चिप के जरिए सिर्फ हाथों से संचालित करने में सक्षम हैं। इस पूरी प्रक्रिया में उन्हें करीब एक साल का समय लग गया लेकिन अब वे अपनी पसंदीदा कार को अपने हाथ के हल्के से इशारे से भी नियंत्रित कर सकती हैं। कार को नियंत्रित करते हुए उनके वीडियो को इंटरनेट पर 3 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं।