अब तक ग्रैंड थेफ्ट ऑटो (Grand Theft Auto) जैसे खेल की अनुमति थी। गेम में हिंसा के बावजूद कभी भी चीन के सेंसर बोर्ड ने इस पर आपत्ति नहीं जताई और एपल को आगे भी ऐसा होने की उम्मीद नहीं है। गौरतलब है कि चीन के नियामकों को किसी भी गेम की समीक्षा करने और लॉन्च करने से पहले लाइसेंस की अनिवार्यता के लिए या तो भुगतान किया जाता है या इन-ऐप खरीदारी की पेशकश की जाती है।चीन के प्रमुख एंड्रॉइड ऐप स्टोरों ने 2016 से इस तरह के नियम लागू कर रखे हैं। लेकिन अब एपल ने अपने आइफोन प्लेटफॉर्म पर ऐसे गेम्स पर रोक लगाने का निर्णय किया है। यह भी जानना आवश्यक है कि चीन के अलीबाबा ग्रुप और शाओमी कॉर्प के ऐप स्टोर की तुलना में एपल की रफ्तार ड्रैगन के मुकाबले बहुत धीमी रही है। इसी महीने चीन की रिक््रवेस्ट पर एपल ने अपने चीनी ऐप स्टोर से दो चीनी पोडकास्ट एप्स को हटा दिया है। इस निर्णय के लागू होने के बाद इन हजारों चइनीज ऐप्स को हटाने में कितना समय लगेगा यह कोई नहीं बता रहा है।
एनालिसिस ग्रुप के अनुसार चीन ने साल 2019 में एपल ऐप स्टोर के जरिए बेची जाने वाली तमाम डिजिटल वस्तुओं और सेवाओं के 61 बिलियन डॉलर (46.10 ख़रब रूपये) बाजार का लगभग पांचवां हिस्सा कमाया था, जो एपल को अमरीका के बाद बाजार का दूसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी बनाता है। एपल चीन में ऐसे लेन-देन में 30 फीसदी का हिस्सा अपने नाम करता है। गौरतलब है कि एपल इन चाइना के मुताबिक चीन में एपल के आइओएस स्टोर पर तकरीबन 60 हजार से ज्यादा मोबाइल गेम्स उपलब्ध हैं जो या तो भुगतान के जरिए अथवा इन-ऐप खरीदारी के तहत आइओएस स्टोर पर अपलोड किए गए हैं। उनमें से कम से कम एक तिहाई के पास तो लाइसेंस भी नहीं है।