मिली जानकारी के मुताबिक, कुशीनगर जनपद के कसया थानांतर्गत स्थित कुरमौटा गांव निवासी हुसैन अली पूना में पेंटिंग का काम करता था। पड़ोस में एक ब्राह्मण परिवार रहता था जो पीड़िता की मौसा का घर था। आरोप है कि हुसैन ने भी खुद को ब्राह्मण बताया और मेल जोल बढ़ा लिया। महाराष्ट्र के श्रीगोंवा जनपद, थाना शिरोर के पूना बारामती की निवासी पीड़िता अपनी मौसी के यहां आती-जाती थी।
परिचय बढने के बाद एक दिन अपना नाम राजा और जाति ब्राह्मण बताकर हुसैन अली ने पीड़िता के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। चूंकि युवती के पिता का स्वर्गवास हो चुका था और घर की माली हालत अच्छी नहीं थी, इसलिए पीड़ता ने राजा बने हुसैन अली का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। युवती के परिजनों की सहमति से मंदिर में हिंदू-रीति रिवाज से दोनों की शादी हो गई।
पीड़िता का कहना है कि कुशीनगर जनपद के कसया थाना अंतर्गत स्थित हुसैन अली के गांव कुरमौटा आई तो उसका असली नाम व धर्म पता चला और वह सदमे में आ गई। विरोध जताने पर हुसैन अली ने जबरिया निकाह करा कर लिया और उसका नाम आयशा खातून रख दिया। इसी नाम से आधार कार्ड भी बनवा दिया। पीड़िता का आरोप है कि पूना ले जाकर आरोपी ने न केवल धोखे से गर्भपात करा दिया बल्कि कोई ऐसा ऑपरेशन करा दिया जिससे वह कभी मां नहीं बन सकती।
पीड़िता जुल्म की जो कहानी सुनाई वह यहीं खत्म नहीं होती। उसके मुताबिक आए दिन उसे पीटा जाने लगा।. पीड़िता का कहना है कि हुसैन अली अक्सर उसके शरीर को ब्लेड से काट देता था। पीड़िता के शरीर पर जगह-जगह ब्लेड से काटने के बने अनगिनत निशान पीड़िता के बेइंतहा पीड़ा की आज भी गवाही दे रहें थे। पीड़िता का आरोप है कि वर्षों तक जुल्म ढाहने के बाद एक अगस्त कुछ लोगों के मिलकर एक बंद करमें पीड़िता के गले पर चाकू रख दिया और एक सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने के घर से बाहर भगा दिया। पीडिता के मुताबिक, हुसैन अली का कहना है कि मुझे जो करना था कर लिया, अब तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है।
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