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कोटा

राजस्थान विधान सभा चुनाव में ये करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला

राजस्थान चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। चुनावों में भले ही साल भर बाकी हो, लेकिन निर्वाचन आयोग अभी से काम में जुट गया है।

कोटाOct 28, 2017 / 12:32 pm

​Vineet singh

rajasthan election

Young voters will be deciding role in Rajasthan elections

राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भले ही अभी पूरा एक साल बाकी बचा है, लेकिन राजनीतिक दल ही नहीं, निर्वाचन आयोग भी बूथ लेवल की तैयारियों में जुट गया है। हालांकि अभी से राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के चुनावी जिले की चाबी पहली बार मतदान करने वाले युवाओं के हाथ में आ गई है। इनका वोट ना सिर्फ मुख्यमंत्री के भाग्य का बल्कि राजस्थान की राजनीति का फैसला करेगा।
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मुख्यमंत्री के जिले का हाल

झालावाड़ जिले के फिलहाल के मतदाताओं के आंकड़ों से स्पष्ट है की इस बार मतदान की चाबी युवाओं के हाथ में होगी। जिले में पिछले लोकसभा चुनाव में कुल 8 लाख 88 हजार 557 मतदाता थे। जो इस वर्ष मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण में बढ़कर करीब 9 लाख 68 हजार 54 तक पहुंच चुके हैं। इस बार 79 हजार 497 मतदाता बढ़े हैं। इन मतदाताओं में से भी 25 हजार मतदाता युवा हैं। जिनकी आयु करीब 18 से 19 वर्ष के बीच है। वहीं 40 वर्ष तक के मतदाताओं की संख्या चारों विधानसभा में करीब सवा लाख से अधिक है। ऐसे में सत्ता की चाबी युवा मतदाताओं के भरोसे है। जिनकी आयु 19 से 40 वर्ष के मध्य होगी।
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चुनावी वर्ष में और होगी बढ़ोतरी

उधर निर्वाचनआयोग का मानना है कि फिलहाल मतदाता सूचियों में पुनरीक्षण का कार्य किया जा रहा है, लेकिन फिर भी मतदाताओं का सूचियों में नाम कम जुड़ रहे हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव से पूर्व व जनजागरूकता कार्यक्रम के बाद मतदाताओं के नाम जुड़ाने की संख्या में और इजाफा होगा। चुनाव से पूर्व निर्वाचन मतदाताओं के नाम जोड़ेगा। वहीं सूचियों का शुद्धिकरण भी होगा। इसी तरह वर्ष 2018 में मतदाताओं की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है।
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अभियानों से बढ़े मतदाता

जिले में मतदाताओं की संख्या बढऩे का प्रमुख कारण चुनाव आयोग की और से बार-बार अभियान चलाकर मतदाताओं का नाम सूची से जोडऩा है। खासकर इस वर्ष 1 जनवरी से 28 फरवरी तक युवा पंजीकरण महोत्सव अभियान चलाया गया। इसमें युवा मतदाताओं का नाम बूथ लेवल पर जोड़ा गया। इसके बाद 1 से 31 जुलाई तक वृहद मतदाता पंजीकरण अभियान चला।
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महिलाओं ने मारी बाजीमहिलाओं ने मारी बाजी

पिछले छह माह के आंकड़ों को देखें तो महिलाओं ने नाम जुड़ाने में बाजी मारी है। जनवरी 2017 में जहां चारों विधानसभा में महिलाओं की संख्या 4 लाख 44 हजार 850 थी। वहीं इस माह अक्टूबर में संख्या 4 लाख 71 हजार 811 हो गई। इस तरह छह माह में करीब 26 हजार 961 महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
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लगातार बढ़े मतदाता

पिछले चार सालों के आंकड़ों को देखें तो करीब 80 हजार 385 मतदाता वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव से अधिक बढ़े हैं। वहीं पिछले छह माह के दौरान 49 हजार 429 मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ।
वर्ष – मेल – फीमेल – कुल
2014 – 460142 – 428415 – 888557
2016 – 473775 – 444850 – 918625
2017 – 496243 – 471811 – 968054
मतदाताओं के आंकड़े निर्वाचन विभाग के अनुसार (अक्टूबर 2017)

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