कोटा में खूनी संघर्ष: पहले जुबान चली फिर लाठी-सिरये और तलवारें, सिर फटे
सूर्य नगर डकनिया स्टेशन निवासी सूरजमल सुमन ने 28 सितम्बर 2008 को रिपोर्ट दी थी कि वे अपनी पत्नी पार्वती और बेटे आकाश व बेटी बरखा के साथ घर पर सो रहे थे। देर रात एक से डेढ़ बजे के बीच दो जने घर में घुसे। शोर सुनकर पहले उनकी पत्नी उठी तो दोनों ने उस पर देशी कट्टा तान दिया। कहा कि, घर में जो भी माल हो वह निकाल कर दे दे। पत्नी ने जब उनसे पूछा कि वे कौन हैं तो उनमें से एक ने उस पर फायर कर दिया। शोर सुनकर वे और बेटा भी जागे।
जिसकी दहशत से दहल उठा था पूरा कोटा, वो आँखों में मिर्ची झोंकने वाला चढ़ा पुलिस के हत्थे
बदमाशों को पकडऩे का प्रयास किया तो उन पर भी फायर किया। इसके बाद बदमाश छत के रास्ते कूदकर भाग गए। वे पार्वती को लेकर अस्पताल गए, जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामले में दो आरोपितों मध्य प्रदेश के भानपुरा हाल डकनिया स्टेशन निवासी शंकरलाल लुहार व मध्य प्रदेश के सिरोह हाल गोविंद नगर निवासी शैलेन्द्र सिंह उर्फ शैलू को गिरफ्तार किया।जेल की दीवार पर जागरूकता का संदेश देती रिक्रिएटिंग आर्ट…देखिये तस्वीरें…
एससी-एसटी अदालत के विशिष्ट लोक अभियोजक कमलकांत शर्मा ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 22 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। अदालत के विशिष्ट न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल ने दोनों को हत्या का दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की सजा से दंडित किया है। साथ ही अन्य विभिन्न धाराओं में शंकरलाल लुहार को 1.15 लाख रुपए और शैलेन्द्र सिंह को 1 लाख रुपए जुर्माने से दंडित किया है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपित शातिर हैं। इनके खिलाफ मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं।