स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने सीएमएचओ को स्वाइन फ्लू के सैम्पल जयपुर भेजने के आदेश दिया था। इसके लिए बकायदा एक कार्मिक भी लगाया गया था, जिसे सेम्पल जयपुर लाने व ले जाने थे। सीएमएचओ ऑफिस से तीन दिन तो जयपुर सेम्पल भेजे गए, लेकिन उसके बाद अचानक सेम्पल भेजना बंद कर दिया। इस कारण नए अस्पताल में बनी लैब में कार्यभार बढ़ गया। यहां प्रतिदिन दोगुने सेम्पल हो रहे हैं, जबकि यहां छोटी मशीन लगी है। यह एक राउंड में 12 सेम्पलों की जांच करती है। यह दिन में दो बार राउंड में 24 सेम्पलों की ही जांच हो पाती है। जबकि प्रतिदिन 50 सेम्पल जांच के लिए पहुंच रहे हैं। एेसे में जांच रिपोर्ट देरी से मिल रही है और मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।
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मरने के बाद मिल रही रिपोर्ट लैब में कार्यभार बढऩे से 48 घंटे में रिपोर्ट मिल रही है। सुल्तानपुर क्षेत्र के सारोला गांव निवासी एक युवती की शुक्रवार सुबह 11 बजे भर्ती कराया गया था। उस समय स्वाब का सैम्पल लिया, लेकिन लेकिन शाम को उसकी मौत हो गई। रविवार को मृतका की स्वाइन फ्लू पॉजीटिव रिपोर्ट आई है। रविवार को कोटा के 3, बूंदी के 2 व झालावाड़ का 1 मरीज स्वाइन फ्लू पॉजीटिव आया है। वहीं डेंगू के 7 व बूंदी का 1 मरीज सामने आए है।
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एक दूसरे के सिर फोड़ा ठीकरा इस मामले में जब सीएमएचओ डॉ. अनिल कौशिक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नए हॉस्पिटल की लैब से सेम्पल नहीं आ रहे है। इस कारण सेम्पल जयपुर नहीं भेजे जा रहे है। यदि सेम्पल आते हैं तो जरूर जयपुर भेजे जाएंगे, लेकिन जब नए हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय से बात की गई तो उन्होंने सीएमएचओ को आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि सीएमएचओ ऑफिस से जयपुर गाड़ी जाना बंद हो गई है। इस कारण सेम्पल नहीं भेज रहे है। शायद जयपुर ने सेम्पल लेने से मना कर दिया।