छात्रसंघ चुनाव के जरिए अपनी सरकार चुनने को ज्यादातर छात्र-छात्राएं घरों से बाहर नहीं निकले। नतीजन मतदान की शुरुआत खासी धीमी रही। वोटिंग के लिए तय किए गए पांच घंटों में से तीन घंटे बीत जाने के बाद भी कोटा में औसत 30 फीसदी छात्रों ने ही अपना नेता चुनने में रुचि दिखाई। दूसरे कॉलेजों और कोटा विश्वविद्यालय में जहां छात्राएं मतदान करने में छात्रों से आगे रहीं, वहीं छात्राओं के कॉलेज जेडीबी कन्या कला महाविद्यालय और जेडीबी कॉमर्स कॉलेज में वह सबसे ज्यादा फिसड्डी साबित हुईं।
छात्रसंघ चुनाव के जरिए अपनी सरकार चुनने में सबसे ज्यादा कॉमर्स कॉलेज के छात्रों ने दिलचस्पी दिखाई है। कॉमर्स कॉलेज में एबीवीपी अपना गढ़ बचाने की कोशिश में जुटी है तो एनएसयूआई और बागी गुट फिर से अपना कब्जा करने की कोशिश में। जिसके चलते कॉमर्स कॉलेज में कैम्पस की जंग सबसे ज्यादा रोचक दौर में पहुंच गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शुरुआती तीन घंटे में ही यहां 42.8 फीसदी मतदान हो गया। मतदान खत्म होने तक यह आंकड़ा 75 फीसदी के आसपास जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं 11.30 बजे तक लॉ कॉलेज में 46 फीसदी मतदान हुआ।
अपने ही कॉलेज में फिसड्डी साबित हुई लड़कियां
कोटा विश्वविद्यालय और राजकीय महाविद्यालयों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने में खासी रुचि दिखाने वाली लड़कियां अपने ही गढ़ यानि जेडीबी कॉलेज में पिछड़ गईं। सुबह 11 बजे तक जेडीबी कॉमर्स कॉलेज में सिर्फ 15 फीसदी और जेडीबी आर्टस कॉलेज में सिर्फ 20 फीसदी छात्राओं ने ही मतदान किया। वहीं संस्कृत महाविद्यालय में 40, राजकीय कला महाविद्यालय में 20, राजकीय विज्ञान महाविद्यालय में 18 और कोटा विश्वविद्यालय में 33 फीसदी मतदान हुआ।